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अच्‍छी खबर : त्‍योहार से पहले घट सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, ये है कारण

अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में विगत दिनों कच्चे तेल के दाम में आई नरमी से त्योहारी सीजन में भारतीय उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है. पेट्रोल और डीजल के दाम में रोज कमी हो रही है.

Updated on: 26 Oct 2018, 12:59 PM

नई दिल्‍ली:

अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में विगत दिनों कच्चे तेल के दाम में आई नरमी से त्योहारी सीजन में भारतीय उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है. पेट्रोल और डीजल के दाम में रोज कमी हो रही है. वाहन ईंधन सस्ता होने से आगे माल-भाड़ा में कमी आएगी, जिसके फलस्वरूप जरूरी की वस्तुएं सस्ती होंगी.

और सस्‍ता हो सकता है पेट्रोल-डीजल
पिछले 21 दिनों में अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में तेल का भाव करीब 11 डॉलर प्रति बैरल टूट चुका है और तेल बाजार विश्लेषक फिलहाल नरमी रहने की उम्मीद कर रहे हैं. ऐसे में पेट्रोल और डीजल के भाव में और कमी आ सकती है.

जानकारों की राय
जानकार बताते हैं कि अंतरराष्‍ट्रीय परिदृश्य फिलहाल कच्चे तेल में नरमी का संकेत देता है, लेकिन यह नरमी अल्पावधि के लिए होगी, क्योंकि ईरान पर चार नवंबर से अमेरिकी प्रतिबंध लगने के बाद परिदृश्य में बदलाव आने की संभावना है. इसके अलावा, सर्दियों में अमेरिका में कच्चे तेल की खपत मांग बढ़ने और गिरावट पर चीन की खरीदारी बढ़ने की सूरत में दोबारा तेजी का रुख बन सकता है.

एंजेल ब्रोकिंग के ऊर्जा विशेषज्ञ अनुज गुप्ता ने बताया कि कच्चे तेल के दाम में जो पिछले कुछ दिनों से गिरावट आई है वह मुख्य रूप से अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर सुस्त रहने के अनुमान के बाद तेल की खपत में कमी आने के अंदेशे से प्रेरित है. उन्होंने कहा, "बहरहाल, अमेरिका में तेल भंडार में इजाफा होने से भी कीमतों में सुस्ती आई. उधर, सऊदी अरब ने भी तेल का उत्पादन बढ़ाने की बात कही है."

अमेरिका भी ऐसा ही अनुमान
अमेरिकी एजेंसी एनर्जी इन्फोरमेशन एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार 63 लाख बैरल की बढ़त के साथ 42.27 करोड़ बैरल हो गया. पिछले पांच सप्ताह से लगातार अमेरिका में कच्चे तेल के भंडार में इजाफा हो रहा है. गुप्ता ने कहा, "लेकिन मुख्य वजह खपत में कमी आने की आशंका है जो अभी बनी रहेगी और निकट भविष्य में तेल के दाम में नरमी बनी रह सकती है." उन्होंने कहा कि ब्रेंट क्रूड में निकट भविष्य में 72-74 डॉलर प्रति बैरल के बीच कारोबार देखने को मिल सकता है. वहीं, डब्ल्यूटीआई में 62-63 डॉलर तक लुढ़क सकता है.

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बाद में बढ़ सकते हैं दाम
गुप्ता ने हालांकि लंबी अवधि में फिर तेजी आने की बात कही. उन्होंने कहा कि अमेरिका में सर्दियों में तेल की खपत बढ़ने से कीमतों में मजबूती आएगी. इसके अलावा, कच्चे तेल के भाव में गिरावट पर चीन अपनी खरीदारी बढ़ा सकता है.

काफी घटे दाम
अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में तेल में नरमी आने से बीते आठ दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 1.73 रुपए प्रति लीटर सस्ता हुआ है. वहीं, डीजल का दाम 89 पैसे प्रति लीटर कम हुआ है. पेट्रोल और डीजल की महंगाई से लोगों को राहत दिलाने के लिए चार अक्टूबर को केंद्र सरकार ने तेल के दाम में 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की थी जिसके बाद दिल्ली में पांच अक्टूबर को पेट्रोल का दाम घटकर 81.50 रुपये प्रति लीटर और डीजल 72.95 रुपये प्रति लीटर हो गया था.