योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की ओर स्थापित की गई पतंजलि लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है. वह लगातार आयुर्वेद के माध्यम से सामाज का कायाकल्प करने में लगी है. अपने उत्पादों के जरिए लोगों के स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बेहतर करने का प्रयास कर रही है. कंपनी खाद्य उत्पादों, स्वास्थ्य सेवा, व्यक्तिगत देखभाल, आयुर्वेदिक दवाओं, हर्बल होम केयर और प्रकाशनों समेत कई तरह के उत्पादों को बेचती है. पतंजलि प्राकृतिक और जैविक सामग्री का उपयोग करके 'रसायन रहित उत्पादों' का विकल्प मुहैया कराने दावा कर रही है. पतंजलि का कहना है कि उसने अपने उत्पादों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता की वजह से भारतीय उपभोक्ताओं के बीच मजबूत पैठ बना रखी है. पतंजलि के उत्पादों की व्यापक उपलब्धता और सस्ती कीमतों ने उन्हें हर भारतीय घर का अनिवार्य हिस्सा बना दिया है.
आगे के लक्ष्य क्या हैं
पतंजलि अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल मार्केटिंग, सोशल मीडिया से जुड़ाव और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को आधार बनाकर आगे बढ़ने की योजना बना रहा है. इसके मजबूत वितरण नेटवर्क के साथ साझेदारी भी कायम की है. इसके जरिए कंपनी एक नए आयाम पर पहुंचने की कोशिश कर रही है. इससे एक व्यापक उपभोक्ता आधार बन गया है. इसके उत्पादों को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने की कोशिश की गई है.
वैश्विक स्तर पर छाने की कोशिश
कंपनी ने आयुर्वेद पर पूरा जोर लगाया है. प्राकृतिक और पारंपरिक विकल्पों की तलाश करने वाले उपभोक्ताओं को अपनी ओर खींचा है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार को लेकर पतंजलि ने अपने उत्पादों का निर्यात किया है. उसने भारतीय चिकित्सा के बारे में वैश्विक जागरूकता को बढ़ावा दिया है. भविष्य में इस अभियान को तेजी से चलाने की तैयारी की है. इस तरह से भारतीय उत्पाद वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं.
रोजगार देने पर जोर
पतंजलि ने हाल ही में महाराष्ट्र के नागपुर में अपना महत्वाकांक्षी खाद्य और हर्बल पार्क आरंभ किया. इसका लक्ष्य किसानों की आय में बढ़ोतरी करना है. इसमें 700 करोड़ रुपये का शुरूआती निवेश है. वहीं 1,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश होना है. इसका उद्घाटन 10 मार्च को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में किया गया. इस प्लांट के माध्यम से क्षेत्र के किसानों को रोजगार के साथ जीवनयापन से जुड़े दूसरे लाभ देने की तैयारी हो रही है.