पतंजलि समूह की प्रौद्योगिकी शाखा ने AI-संचालित बैंकिंग सिस्टम का किया शुभारंभ, CBS सॉफ्टवेयर निभाएगा अहम भूमिका

आचार्य बालकृष्ण ने कहा, 'एआई (AI) और मशीन लर्निंग के इस युग में यह समय है कि हमारे ग्रामीण, अर्ध-शहरी, सहकारी और छोटे वित्त संस्थानों को सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के समान तकनीक तक पहुंच मिले.'

आचार्य बालकृष्ण ने कहा, 'एआई (AI) और मशीन लर्निंग के इस युग में यह समय है कि हमारे ग्रामीण, अर्ध-शहरी, सहकारी और छोटे वित्त संस्थानों को सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के समान तकनीक तक पहुंच मिले.'

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Mohit Saxena
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आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव(social media)

पतंजलि समूह की प्रौद्योगिकी शाखा भरुवा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (BSPL) ने AI-संचालित, बहुभाषी (द्विभाषी) 360° बैंकिंग ERP सिस्टम के शुभारंभ किया है. इसके साथ भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में अपने रणनीतिक प्रवेश का ऐलान किया. यह अगली पीढ़ी का प्लेटफॉर्म क्षेत्रीय, सहकारी और छोटे वित्तीय संस्थानों को बुद्धिमान, समावेशी और अनुपालन तकनीक के साथ सशक्त बनाकर डिजिटल बैंकिंग में क्रांति लाने के लिए डिजाइन किया गया है. भरुवा का अत्याधुनिक CBS प्लेटफॉर्म (बी-बैंकिंग) चार महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के लक्ष्य से तैयार किया गया है. यह लंबे समय से भारत के बैंकिंग पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार और समग्रता में रुकावट बन रहा हैं:

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1. भाषा समग्रता 

भारत में विभिन्न भाषाएं हैं. अधिकांश बैंकिंग सेवाएं अंग्रेजी तक सीमित है. BSPL का द्विभाषी समाधान बैंकों को अंग्रेजी और उनकी स्थानीय भाषा दोनों में ग्राहकों की सेवा करने की सुविधा प्रदान करता है. उदाहरण के लिए, गुजरात में गुजराती,  पंजाब में पंजाबी. सभी नागरिकों के लिए पहुंच और उपयोग में आसानी तय करता है. 

2. ज्यादा सुरक्षा

प्लेटफॉर्म में डेटा, लेन-देन और डिजिटल इंटरैक्शन के लिए व्यापक सुरक्षा प्रदान करने के लिए अत्याधुनिक AI और साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल शामिल हैं.

3. प्रक्रिया दक्षता

इस बैंकिंग सिस्टम को एंड-टू-एंड बैंकिंग परिवर्तन के लिए डिजाइन किया गया है. सिस्टम में API बैंकिंग, MIS, HRMS, ERP मॉड्यूल, AML टूल और निर्बाध संचालन और अनुपालन के लिए वर्कफ़्लो ऑटोमेशन समेत मजबूत क्षमताएं हैं.

4. विनियामक अनुपालन

आधिकारिक भाषा अधिनियम, 1963 और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के साथ पूरी तरह से संरेखित, यह समाधान वित्तीय संस्थानों में द्विभाषी सॉफ्टवेयर के लिए सरकारी आदेशों के अनुपालन को तय करता है. पतंजलि समूह के संस्थापक और प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने तकनीकी समावेशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत कई भाषाओं वाला देश है. इसके बाद भी बैकिंग बुनियादी ढांचा मुख्य रूप से अंग्रेजी में संचालित होता है. इससे बहुसंख्यक अलग-थलग पड़   जाते हैं. भरुवा सॉल्यूशंस एक परिवर्तनकारी उत्पाद लॉन्च कर रहा है जो तकनीकी रूप से बेहतर, कार्यात्मक रूप से व्यापक और भाषाई रूप से समावेशी है. यह आधिकारिक भाषा अधिनियम 1963 के साथ संरेखित है.”

द्विभाषी बैंकिंग क्षेत्र में एक अनुभवी कंपनी है

आचार्य बालकृष्ण ने कहा, “एआई (AI) और मशीन लर्निंग के इस युग में यह समय है कि हमारे ग्रामीण, अर्ध-शहरी, सहकारी और छोटे वित्त संस्थानों को सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के समान तकनीक तक पहुंच मिले. यह पहल भारत को सशक्त बनाने की ठोस कदम है.” इस विजन को साकार करने को लेकर भरुवा सॉल्यूशंस ने नेचुरल सपोर्ट कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझेदारी की है. यह द्विभाषी बैंकिंग क्षेत्र में एक अनुभवी कंपनी है, जिसने 1999 से ALM, LOS, MIS आदि जैसे सराउंड उत्पादों के लिए 5 हजार से ज्यादा बैंक शाखाओं को स्वचालित करने की दक्षता हासिल की है. 

शक्तिशाली बैकएंड इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ जोड़ता है

भरुवा और नेचुरल सपोर्ट कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कर लक्ष्य एक व्यापक "बैंक इन ए बॉक्स" समाधान प्रदान करना  है, जो एक ऑल-इन-वन प्लेटफॉर्म के साथ फ्रंटएंड उत्कृष्टता को एक शक्तिशाली बैकएंड इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ जोड़ता है. यह कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) के साथ सहजता से एकीकृत होता है और इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग, AI-संचालित खोज, eKYC, CKYC, PFMS एकीकरण, SMS बैंकिंग, KCC IS पोर्टल, AML, HRMS, CSS, MIS, DSS और ERP, HRMS आदि जैसी बैकएंड प्रक्रियाओं जैसी सेवाओं का समर्थन करता है. 

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