भारतीय अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दे रहा प​तंजलि, मैन्युफैक्चरिंग के साथ यूनीक बिजनेस मॉडल ने देश में लाई क्रांति

देश की अर्थव्यवस्था में पतंजलि खास योगदान दे रहा है. ग्रोथ, जॉब क्रिएशन और स्वदेशी उत्पादों को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने इंडियन इकोनॉमी को बूस्ट किया है. वहीं यूनीक बिजनेस मॉडल और प्राइसिंग स्ट्रैटि​जी को लेकर एफएमसीजी मार्केट पर बड़ा प्रभाव डाला है. 

author-image
Mohit Saxena
New Update
patanjali on india economy

patanjali (social media)

दुनिया भर में भारतीय अर्थव्यवस्था का डंका बज रहा है. विदेशी कंपनियां यहां पर तेजी से निवेश कर रही हैं. इस कड़े मुकाबले में स्वदेशी कंपनी पंत​जलि ने अपनी अलग पहचान बनाई है. कंपनी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़वा दे रही है. इसके साथ जॉब भी क्रिएट कर रही है. वहीं अपने प्रोडक्ट्स को दुनिया भर में पहुंचा भी रही है. इस तरह से देश की इकोनॉमी को बढ़ाने में अहम योगदान दे रही है. कंपनी के रेवेन्यू और प्रॉफिट में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. इसके यूनीक बिजनेस मॉडल और प्राइसिंग स्ट्रैटि​जी ने एफएमसीजी मार्केट में क्रांति ला दी है. 

Advertisment

भारत बन रहा आत्मनिर्भर 

स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का स्वदेशी आंदोलन भारतीय उत्पादों और उद्योगों को बढ़ावा दे रहा है. इस तरह से किसान भी सशक्त हो रहे हैं. मल्टी नेशनल कॉरपोरेशंस पर निर्भरता कम हुई है. भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है. पतंजलि ने आयुर्वेद, जैविक खेती और पारंपरिक भारतीय मैन्युफैक्चरिंग को सफलतापूर्वक पुनर्जीवित किया है. पतंजलि ने FMCG, हेल्थकेयर और पर्सनल केयर में विदेशी ब्रांड के सामने स्वदेशी विकल्प को सामने रखा. इसके कारण घरेलू उद्योग को मजबूती मिली है. सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा मिला है.

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में लाई क्रांति 

स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की अगुवाई में प​तंजलि आयुर्वेद ने स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा दिया. विदेशी उत्पादों पर निर्भरता को कम किया. रोजगार को बढ़ावा देकर भारत के आत्मनिर्भर मिशन को ताकत दी. पतंजलि ने आयुर्वेद, हर्बल उत्पादों और पारंपरिक भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को दोबारा खड़ा किया है. FMCG, स्वास्थ्य सेवा, कपड़ा और डेयरी जैसे क्षेत्रों को विस्तार मिला है. पं​तजलि ने साबित कर दिया है कि भारतीय कंपनियां वैश्विक बाजारों को टक्कर दे सकती हैं. एक समय था जब विदेशी उत्पाद भारतीय बाजारों पर हावी थे. कंपनी ने इस क्रम को तोड़ा है. कंपनी ने हर्बल सौंदर्य प्रसाधन, खाद्य पदार्थ और दवाइयों जैसे उत्पादों में कई आयातित वस्तुओं की  जगह ले ली है.

लाखों लोगों को दी नौकरी 

पतंजलि भारतीय किसानों से कच्चा माल लेती है. उन्हें बेहतर मूल्य देती है और जैविक और आयुर्वेदिक खेती को बढ़ावा देती है. इस तरह से प्रोसेसिंग यूनिट्स और सप्लाई चेन्स बनाई गई हैं. हजारों ग्रामीणों को  रोजगार मिल रहा है. इस तरह से ग्रामीण आजीविका को मजबूती मिलती है. शहरों की ओर पलायन रुका है. पतंजलि ने मैन्युफैक्चरिंग, डिस्ट्रीब्यूशन, रिटेल और खेती में 200,000 से ज्यादा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार निकाले हैं. इसकी सफलता ने कई भारतीय स्टार्टअप को हर्बल और जैविक उत्पाद बाजार में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया. पतंजलि का ​बिजनेस मॉडल तय करता है कि आम जनता तक उच्च गुणवत्ता वाले आयुर्वेदिक और जैविक उत्पाद सस्ते में मिलें. विदेशी ब्रांडों की तुलना में इनकी कम कीमत हो. यह  सभी आय समूहों के लिए किफायती भी हों. 

एमएसएमई को मिला बढ़ावा 

पतंजलि के प्रभाव ने FMCG और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में स्थानीय उद्यमियों के उदय को बढ़ावा दिया है. इसने छोटे और मध्यम उद्यमों (MSME) के साथ भागीदारी की. इस तरह से उनकी वृद्धि को बढ़ावा मिला.  भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम काफी ताकतवर हुआ. इसने मेक इन इंडिया को काफी सपोर्ट किया. पतंजलि 30 से ज्यादा देशों को आयुर्वेदिक उत्पादों का निर्यात करता है. इससे वैश्विक स्वास्थ्य और जैविक उत्पाद की बाजार में उपस्थिति बढ़ी है.

Indian economy Patanjali Patanjali Ayurved Patanjali Ayurveda patanjali case Patanjali FMCG patanjali foods new products patanjali foods retail investors Patanjali group Patanjali latest news patanjali medicine
      
Advertisment