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पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (पीटीआई)
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर रोजगार पैदा नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए तंज कसा है। इसके साथ ही चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस बयान की भी आलोचना की है, जिसमें उन्होंने पकौड़े बेचे जाने को भी रोजगार करार दिया था।
चिदंबरम ने कहा, 'पीएम ने कहा था कि पकौड़े बेचना रोजगार है। इस तर्क से तो भीख मांगना भी रोजगार है। अब तो जीवनयापन के लिए भीख मांगने वाले गरीबों और विकलांगों को भी नौकरीपेशा की तरह देखा जाना चाहिए।'
चिदंबरम ने कहा कि सच यही है कि तीन सालों के दौरान भारत की ग्रोथ रेट, जॉबलेस रही है और सरकार को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि कैसे रोजगार के अवसर पैदा किए जाएं।
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पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, 'रोजगार के मौकों में होने वाली बढ़ोतरी निजी निवेश, खपत, निर्यात और क्रेडिट डिमांड में होने वाली बढ़ोतरी से तय होगी।' हालांकि ऐसा कुछ भी नहीं हो पा रहा है।
चिदंबरम ने कहा कि मुद्रा योजना में 43 हजार का लोन लेकर एक व्यक्ति को रोजगार देने वाले के तौर पर दिखाया गया है लेकिन ऐसा कोईई आदमी नजर नहीं आता, जिसने ऐसा किया है।
उन्होंने मनरेगा को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार के एक मंत्री चाहते हैं कि मनरेगा मजदूरों को नौकरीपेशा माना जाए। अगर ऐसा है तो इसके मुताबिक कोई मजूदर 100 दिन तक नौकरीपेशा हैं जबकि बाकी 265 दिन वह बेरोजगार होगा।
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने पिछले दिनों एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि अगर कोई व्यक्ति किसी दफ्तर के नीचे पकौड़े भी बेचता है तो क्या उसे रोजगार नहीं माना जाए?
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HIGHLIGHTS
- पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर रोजगार पैदा नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए तंज कसा है
- इसके साथ ही चिदंबरम ने मोदी ने उस बयान की भी आलोचना की है, जिसमें उन्होंने पकौड़े बेचे जाने को भी रोजगार करार दिया था
Source : News Nation Bureau