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कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (फाइल फोटो)
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कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (फाइल फोटो)
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी सरकार ने इसे सही तरीके से लागू नहीं किया।
चिदंबरम ने मुख्य रूप से जीएसटी के सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब 28 फीसदी को लेकर केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की, जिसे केंद्र सरकार अब खत्म कर सकती है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने यह संकेत दिया था कि जीएसटी के 28 फीसदी वाले स्लैब को खत्म किया जा सकता है।
पी चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा, '28 फीसदी जीएसटी दर आलसी बीजेपी सरकार का नतीजा है जिसमें उन्होंने सिर्फ एक्साइज, वैट और सीएसटी को जोड़ दिया।'
चिदंबरम में मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने मुख्य आर्थिक सलाहकार की रिपोर्ट को किनारे करते हुए जीएसटी को लागू किया था।
कांग्रेस नेता ने लिखा, 'बीजेपी सरकार ने मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) की रिपोर्ट को किनारे कर दिया और जीएसटी दर में 18 फीसदी की कैप लगाने वाली हमारी याचिका को खारिज कर दिया था। अब 28% दर को हटाने में अपनी बुद्धिमत्ता का दावा कर रही है!'
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने हजारों लघु और मध्यम उद्योगों को बर्बाद करने और लाखों रोजगार को खत्म करने के लिए भी नोटबंदी और जीएसटी के गलत तरीके से लागू किए जाने को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंन कहा, 'नोटबंदी के बाद जीएसटी के गलत ढंग से लागू किए जाने के कारण हजारों लघु और मध्यम उद्योग (एसएमई) बर्बाद हुए और लाखों नौकरियां गई। किसी भी व्यापारी या उद्योगपति से पूछिए और आप सच जान जाएंगे।'
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इससे पहले पी चिदंबरम ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा 100 वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में कटौती को बीजेपी का चुनावी स्टंट बताया था।
बता दें कि हाल ही में हुए जीएसटी परिषद की बैठक के बाद जीएसटी के सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब यानी 28 फीसदी कर के दायरे में सिर्फ 35 सामान बचे हैं जो शुक्रवार से लागू हुआ।
तकरीबन 177 मदों को 10 नवंबर 2017 को 28 फीसदी कर की श्रेणी से हटा दिया गया था। इसके बाद 21 जुलाई 2018 को और 15 मदों को इस श्रेणी से हटा दिया गया।
जीएसटी परिषद ने रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन और छोटे टेलीविजन समेत कई सामानों पर जीएसटी की दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी। परिषद ने सैनिटरी पैड को कर के दायरे से बाहर कर दिया है।
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Source : News Nation Bureau