logo-image

मुंबई के पॉश इलाके में सिर्फ 6 अधिकारियों के लिए 7450 वर्ग फुट का दफ्तर!

मुंबई के पॉश इलाके में सिर्फ 6 अधिकारियों के लिए 7450 वर्ग फुट का दफ्तर!

Updated on: 06 Nov 2021, 07:10 PM

चेन्नई:

भारत में किस वित्तीय क्षेत्र के नियामक (फाइनेंशियल सेक्टर रेगुलेटर) के पास सिर्फ छह अधिकारियों के लिए उच्च किराए वाले शहर मुंबई में 7,450 वर्ग फुट का कार्यालय है?

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया कि इसका जवाब भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) है, जो पॉलिसीधारकों के पैसे से चलता है।

अधिकारी ने कहा कि यहां कोई भी आसानी से कैच मी इफ यू कैन (अगर तुम मुझे पकड़ सकते हो तो पकड़ो) खेल सकता है।

अधिकारी ने कहा, यह इरडा की काला पानी (अंडमान में औपनिवेशिक युग की ब्रिटिश शासन के दौरान सेलुलर जेल) है, जहां असुविधाजनक अधिकारियों को हैदराबाद से बाहर स्थानांतरित कर दिया जाता है।

सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि इरडा ने 2014 में चर्चगेट, नरीमन प्वाइंट, मुंबई में 7,450 वर्ग फुट के कार्यालय की जगह लीज पर ली थी। इसके बाद 1 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से इसका जीर्णोद्धार करवाया गया और इरडा ने अक्टूबर 2015 में अपना मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय (एमआरओ) खोला।

2015 के बाद से किसी भी समय, एमआरओ में 10 से अधिक अधिकारियों को तैनात नहीं किया गया है और इस लिहाज से प्रति अधिकारी एक शानदार 740 वर्ग फुट की जगह बनती है।

इरडा के अधिकारियों के अनुसार, मुंबई कार्यालय में काम करने वाले निरीक्षण विभाग से हैं - वे अधिकारी, जो विनियमित संस्थाओं की बुक्स का निरीक्षण करते हैं।

आश्चर्यजनक रूप से, इरडा ने 2014 में मुंबई में लंबे पट्टे पर लगभग 25,000-30,000 वर्ग फुट कार्यालय की जगह लेने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे।

इस पर सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत उठाए गए सवालों पर इरडा ने समझौते की प्रति साझा करने से इनकार करते हुए जवाब दिया था कि समझौता ज्ञापन के बाद कोई प्रगति नहीं हुई है।

सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि मुंबई में एक कार्यालय होने का उद्देश्य वहां अपना निरीक्षण विभाग रखना है, क्योंकि बड़ी संख्या में बीमाकर्ता और बिचौलिए पश्चिमी क्षेत्र - मुंबई और पुणे में स्थित हैं।

इरडा के एक अधिकारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि हैरानी की बात यह है कि इरडा ने पूरे विभाग को मुंबई में स्थानांतरित नहीं किया, बल्कि कुछ मुट्ठीभर अधिकारी ही वहां तैनात कि किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारियों के लिए यह पोस्टिंग महज एक सजा के तौर पर होती है।

अधिकारी ने कहा कि कई अधिकारियों को हैदराबाद से मुंबई के लिए ऑनसाइट निरीक्षण के लिए भेजा जाता है।

इरडा के अधिकारी ने कहा, इरडा के पास कोई वार्षिक बजट नहीं है, क्योंकि यह पॉलिसी धारकों के पैसे से भरा हुआ है। केवल वे ही बजट तैयार करते हैं, जिनके पास धन सीमित होता है।

अधिकारी ने कहा कि चूंकि कोविड-19 महामारी के बाद, साइट पर जाए बिना ही रिमोटली निरीक्षण किया जा रहा है, ऐसे में इसे जारी रखा जा सकता है और लागतों को बचाया जा सकता है।

जैसा भी हो, बीमा उद्योग के अधिकारी लंबे समय से कह रहे हैं कि यह इरडा मुख्यालय को हैदराबाद से दिल्ली या वित्तीय क्षेत्र की राजधानी मुंबई में स्थानांतरित करने का समय है, जहां अन्य प्रमुख वित्तीय नियामक - भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) का मुख्यालय है।

उद्योग के कई अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि कोई भी बीमाकर्ता हैदराबाद में नहीं है, जबकि बड़ी संख्या में बीमा कंपनियों का मुख्यालय दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, पुणे, बेंगलुरु में है।

यहां तक कि दो उद्योग लॉबी निकाय - सामान्य बीमा परिषद, और जीवन बीमा परिषद - मुंबई में स्थित हैं।

साल 2000 की शुरुआत में राजनीतिक मजबूरियों के कारण, तत्कालीन केंद्र सरकार हैदराबाद में इरडा की स्थापना के लिए सहमत हुई।

सूत्रों का कहना है कि सरकार हैदराबाद में पंजीकृत कार्यालय रखते हुए परिचालन कार्यालय को मुंबई में स्थानांतरित कर सकती है जैसा कि आईडीएफसी के मामले में हुआ था, जिसका पंजीकृत कार्यालय चेन्नई में है जबकि कॉर्पोरेट कार्यालय मुंबई में है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.