सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों को विलय कर सरकार इनकी संख्या कम कर सकती है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि बैंकों का विलय कर अगले कुछ साल में उनकी संख्या 10-12 तक की जा सकती है।
अधिकारी की माने तो सरकार वैश्विक आकार के 3-4 बैंक तैयार करने को सोच रही है। इसलिय बैंकों के विलय के एजेंडे पर काम करना चाहती है। फिलहाल अभी देश में सरकारी स्वामित्व वाले 21 बैंक हैं। सरकार की मंशा है कि इनकी संख्या 12 किया जाए।
बता दें कि कुछ ही महीने पहले सरकार ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय कर दिया था। इसके बाद से स्टेट बैंक देश का सबसे बड़ा नेटवर्क और दुनिया के शीर्ष 50 बड़े नेटवर्क वाले बैंकों में शामिल हो गया था।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा, 'इस प्रणाली में कुछ बड़े बैंक होंगे, कुछ छोटे और लोकल बैंक होंगे।' उन्होंने बताया कि इस काम में कई तरह के अगल अलग कार्य प्रणाली की जरूरत होगी।
बैंकों के विलय को लेकर अधिकारी ने बताया कि तीन स्तरीय ढांचे के तहत देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के आकार के तकरीबन 3-4 बैंक होंगे।
अधिकारी के मुताबिक पंजाब ऐंड सिंध बैंक और आंध्रा बैंक जैसे कुछ क्षेत्र विशेष के बैंक अपनी स्वतंत्र पहचान के साथ बाजार में बने रहेंगे इसके अलावा मझौले आकार के कुछ बैंकों को भी बनाए रखा जाएगा।
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Source : News Nation Bureau