Advertisment

NPA से निपटना जरूरी, RBI को बैंकिंग कानून में बदलाव से मिलेंगे और अधिकार: अरुण जेटली

जेटली ने कहा कि इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक किसी भी बैंकिंग कंपनी को यह निर्देश देने के लिए अधिकृत है कि वह कर्ज नहीं चुकाने वाले के खिलाफ दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू करे।

author-image
vineet kumar
एडिट
New Update
NPA से निपटना जरूरी, RBI को बैंकिंग कानून में बदलाव से मिलेंगे और अधिकार: अरुण जेटली

अरुण जेटली

Advertisment

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैंकिंग कानून में बदलाव के लिए लाए गए अध्यादेश पर कहा है कि इससे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को और अधिकार मिलेंगे। जेटली ने कहा कि फिलहाल बैंकों पर फंसे हुए कर्जो (एनपीए) को लेकर जो दबाव है, उसका समाधान जल्द से जल्द होना बहुत जरूरी है।

जेटली के मुताबिक फंसे हुए कर्जो पर यथास्थिति बरकरार रखना अस्वीकार्य है और इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है। इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक को यह अधिकार दिया गया है कि वह ऐसे कर्जो की पहचान कर उसका तुरंत समाधान कर सके।

उन्होंने कहा कि आरबीआई को अधिकार प्रदान करने के लिए सरकार ने बैंकिंग कानून में बदलाव के लिए अध्यादेश का रास्ता अपनाया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पिछली रात बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन के अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए।

जेटली ने कहा कि इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक किसी भी बैंकिंग कंपनी को यह निर्देश देने के लिए अधिकृत है कि वह कर्ज नहीं चुकाने वाले के खिलाफ दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू करे।

यह भी पढ़ें: केजरीवाल की बढ़ सकती है मुश्किल, मोदी सरकार ने आप से मांगा विदेशों से मिले चंदे का ब्यौरा

जेटली ने कहा, 'बैंकों की प्रमुख समस्याओं में से एक संपत्ति की समस्या है। विकास को सुनिश्चित करने के लिए बैंकों को मजबूत होना चाहिए। अगर बैंकों के पास गैर-स्वीकार्य उच्च एनपीए हैं तो यह उनकी क्षमता में बाधा डालती हैं। आरबीआई को सशक्त बनाने के लिए बुधवार को मंत्रिमंडल ने राष्ट्रपति को एक अध्यादेश जारी करने की सिफारिश की। राष्ट्रपति द्वारा देर रात हस्ताक्षर किया गया और आज सुबह इसे अधिसूचित कर दिया गया।'

वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अध्यादेश के तहत आरबीआई द्वारा उठाए गए कदम सभी पर बाध्यकारी होंगे। इसका एक उद्देश्य यह भी है कि बैंकर्स वाणिज्यिक फैसले ले सकें और इसे सुविधाजनक तरीके से ले सकें।

उन्होंने बैंकों की निर्णय लेने की क्षमता को मजबूती देने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में भी संशोधन की तैयारी की जानकारी दी, जिस पर संसदीय समिति विचार कर रही है।

यह भी पढ़ें: एयरलाइंस कर सकेंगी अनियंत्रित व्यवहार वाले यात्रियों को बैन, सिविल एविएशन सेक्रेटरी का बयान

जेटली ने कर्ज नहीं चुकाने वाले कुछ खास लोगों के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'सूची में कई नाम हैं। आरबीआई इस मामले को देख रही है। मैं इस मामले में पड़ना नहीं चाहता। अध्यादेश का उद्देश्य यह है कि वर्तमान की यथास्थिति जारी नहीं रह सकती। स्वायत्तता के नाम पर यथास्थिति बनाए रखना नहीं चलेगा। यह अध्यादेश बैंकों को कड़े कदम उठाने का वैध अधिकार प्रदान करता है।'

बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियां कुल कर्ज का 17 फीसदी तक हो गई है, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।

यह भी पढ़ें: IPL 2017: शतक से चूके निराश ऋषभ पंत को विरोधी कप्तान सुरेश रैना ने दिया हौसला

Source : News Nation Bureau

Arun Jaitley NPA
Advertisment
Advertisment
Advertisment