सरकार ने अभी तक बैंक लेनदेन पर कर लगाने का कोई फैसला नहीं लिया है, हालांकि मुख्यमंत्रियों की समिति ने कई सारी सिफारिशें की हैं। आर्थिक मामलों के सचिव शशिकांत दास ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
दास ने एसोचैम (एसोसिएट चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया) के 96वें सालाना कार्यक्रम में कहा, "सरकार सावधानी से रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है. और जब भी फैसला लिया जाएगा, सरकार उसे जाहिर करेगी।"
डिजिटल भुगतान पर बनी मुख्यमंत्रियों की समिति के प्रमुख आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू सरकार को अपनी अंतरिम रिपोर्ट में 50,000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर बैंकिंग नगद लेनदेन कर लगाने का सुझाव दिया था, ताकि नकदी के इस्तेमाल को सीमित किया जा सके।
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इस समिति का गठन पिछले साल 30 नवंबर को 500 और 1000 रुपये की नोटबंदी के बाद किया गया था।
देश के आर्थिक हालत की मजबूत नींव पर प्रकाश डालते हुए दास ने कहा, "वित्तीय घाटा धीरे-धीरे कम हो रहा है। यह अर्थव्यवस्था के उन क्षेत्रों में जहां आप और अधिक खर्च करने की जरूरत है वहां सार्वजनिक व्यय और वित्तीय समेकन की आवश्यकताओं के बीच सही संतुलन बनाना आवश्यक है।"
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उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि विकास दर बढ़कर 7 फीसदी रहेगी, क्योंकि सरकार ने बजट से पहले और बजट में जो कदम उठाए हैं, उसका प्रभाव आनेवाले महीनों में देखने को मिलेगा।"
Source : News Nation Bureau