देश में बेरोज़गारी को लेकर नेशनल सैंपल सर्वे के आंकड़े सामने आये. नएसएसओ के आंकड़ों के मुताबिक 2017-18 में बेरोजगारी की दर 6.1 फीसदी रही जो पिछले 45 सालों के दौरान सबसे ऊंचे स्तर पर है. बेरोज़गारी से जुड़े आंकड़ों पर नीति आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी. नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा, 'सरकार ने रोज़गार पर डेटा जारी नहीं किया है. यह अभी भी प्रोसेस में हैं. डेटा तैयार होने के बाद जारी कर दिया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि अब आंकड़े जुटाने का तरीका अलग है, हम नए सर्वेक्षण में एक कंप्यूटर असिस्टेड पर्सनल इंटरव्यू का इस्तेमाल कर रहे हैं. दोनों डेटा सेट की तुलना करना ठीक नहीं है, ये डेटा सत्यापित नहीं है. इस रिपोर्ट को अंतिम तौर पर इस्तेमाल करना ठीक नहीं है.
इनफ़ोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पाई ने कहा, 'यह डेटा आधिकारिक नहीं है. हमे नहीं पता कि यह सही है. सरकार के आधिकारिक डेटा जारी होने तक इंतज़ार करना होगा. आज हमने डेटाबेस के आधार पर डेटा के वैकल्पिक स्रोत तैयार किए हैं. सरकार कहती है कि पिछले चार साल में बड़ी संख्या में नौकरियों का सृजन हुआ.'
बता दें कि आंकड़े सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियों ने रोज़गार को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस ने कहा कि सरकार बेरोज़गारी के आंकड़ों को छुपा रही है, जिसके कारण राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो स्वतंत्र सदस्यों को इस्तीफ़ा देना पड़ा. रिपोर्ट में नोटबंदी के बाद देश में रोज़गार की कमी और नोटबंदी के कारण बेरोज़गारी का जिक्र है. इस सैंपल सर्वे में जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 तक के आंकड़े लिए गए हैं.
रिपोर्ट सामने आने के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी घमासान शुरू हो गया है. पीएम मोदी पर हमला करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, 'नौकरी नहीं है. फ़्यूहरर ने हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था, पांच साल बाद रोज़गार पर लीक रिपोर्ट से राष्ट्रीय त्रासदी सामने आई है.'
केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार पर निशाना साधने के कुछ देर बाद बीजेपी ने पलटवार किया. बीजेपी ने ट्वीट कर लिखा कि राहुल गांधी को मुद्दों पर मामूली समझ है. जिसके पास कुछ काम नहीं वह ऐसी खबरें फैला रहा है.
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक देश के शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर 7.8 फीसदी जबकि ग्रामीण इलाकों में 5.3 फीसदी है.15-29 साल के शहरी पुरुषों के बीच बेरोजगारी की दर 18.7 फीसदी है. 2011-12 में ये दर 8.1 फीसदी थी. 2017-18 में शहरी महिलाओं में 27.2 फीसदी बेरोजगारी है जो 2011-12 में 13.1 फीसदी थी.