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फाइल फोटो
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नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि अभी भारत एक बड़े बदलाव की दिशा में है और सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि समावेश इसका एक हिस्सा हो.
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भारत ने कहा है कि वह अगले पांच साल के दौरान आर्थिक वृद्धि दर को सात प्रतिशत के पार ले जाने को प्रतिबद्ध है. साथ ही वह यह भी सुनिश्चित करेगा कि स्थिरता और विकास को लेकर किसी तरह की दुविधा नहीं रहे. वहीं संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने की दिशा में भारत की शानदार प्रगति की ‘सराहना’ की है.
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संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक विशेष कार्यक्रम ‘प्रतिबद्धता से हासिल करने तक एसडीजी के स्थानीयकरण को लेकर भारत का अनुभव’ को मंगलवार को संबोधित करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि अभी भारत एक बड़े बदलाव की दिशा में है और सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि समावेश इसका एक हिस्सा हो.
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लक्ष्य को पाने के लिए ऊंची वृद्धि दर जरूरी
कुमार ने कहा कि अगले पांच साल के दौरान हमारा लक्ष्य वृद्धि दर को सात फीसदी के पार ले जाने का है. हम जानते हैं कि अपने युवा लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें ऊंची वृद्धि दर हासिल करनी होगी. साथ ही हम रास्ते में आने वाली अड़चनों का भी ध्यान रखना होगा. उन्होंने कहा कि उसके बाद ही हम वृद्धि का लाभ उन लोगों तक पहुंचा सकेंगे जिनके पास इसे पहुंचाना हैं. हम ऐसे लोगों को बेहतर शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य, बिजली की बेहतर आपूर्ति, अक्षय ऊर्जा उपलब्ध कराना चाहते हैं.
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कुमार ने कहा कि अब हम अगले दो दशक में अपनी वृद्धि को तेज करना चाहेंगे. इससे भारत 2030 तक ऐसे देश के रूप में उभर सकेगा, जिसने एसडीजी के लक्ष्यों का एक बड़ा हिस्सा हासिल किया है. इनमें से कुछ तय तारीख से पहले हासिल किए जा सकेंगे. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के प्रशासक एचिम स्टेनर ने भारत की महत्वाकांक्षी पहलों की सराहना करते कहा कि इनकी वजह से लोगों का जीवनस्तर सुधर रहा है और एसडीजी आगे बढ़ रहा है.