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नीति आयोग ने जारी किया राष्ट्रीय पोषण रणनीति, कुपोषण से लड़ने में मिलेगी मदद

इस एक्शन प्लान का लक्ष्य राष्ट्रीय विकास कार्यसूची में पोषण को शामिल करना है।

Updated on: 06 Sep 2017, 06:35 AM

नई दिल्ली:

नीति आयोग ने मंगलवार को राष्ट्रीय पोषण एक्शन प्लान जारी किया है। इस एक्शन प्लान का लक्ष्य राष्ट्रीय विकास कार्यसूची में पोषण को शामिल करना है। नीति आयोग ने एक बयान में कहा कि हमारे पोषण उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए इस योजना में कार्यान्वयनकर्ताओं और चिकित्सकों के बीच प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि रणनीति बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, 'भारत में तीन बच्चों में से एक कुपोषित है।'

इस रणनीति दस्तावेज को जारी करते हुए, हरित क्रांति के जनक और प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन ने कहा, 'जीवन-चक्र दृष्टिकोण के आधार पर एक पोषण रणनीति होना जरूरी है, जो जन्म से मृत्यु तक पोषण की जरूरतों को ध्यान में रखे।'

उन्होंने तीन प्रकार की पोषण की कमी के बारे में बताया, जिसमें पोषण, कुपोषण और प्रोटीन की भूख शामिल है। 

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उन्होंने कहा कि तीनों को एक साथ मिलाकर देखा जाना चाहिए। उन्होंने कृषि और पोषण को जोड़ने की सिफारिश की। 

उन्होंने कहा, 'कृषि पोषण संबंधी अधिकांश समस्याओं का जवाब प्रदान करती है.. चुनौती यह है कि आप दोनों को कैसे जोड़ते हैं।'

नीति आयोग ने कहा कि पोषण रणनीति में एक ढांचे की परिकल्पना की गई है, जिसमें पोषण के चार आसन्न निर्धारक -स्वास्थ्य सेवाओं, भोजन, पेयजल व स्वच्छता और आय व आजीविका- को मिलाकर देश में पोषण की कमी को दूर करने के लिए काम करने की बात कही गई है।

इसमें कहा गया है कि पोषण संबंधी रणनीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्यों को स्थानीय जरूरतों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए अपने-अपने हिसाब से राज्यस्तरीय और जिलास्तरीय योजनाएं बनानी चाहिए।

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