वन धन योजना के लिए नीति आयोग और ट्राइफेड ने मिलाया हाथ
वन धन योजना के लिए नीति आयोग और ट्राइफेड ने मिलाया हाथ
नई दिल्ली:
नीति आयोग और ट्राइफेड (ट्राइबल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) ने देश के आकांक्षी जिलों के आदिवासी समूहों में वन धन योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए हाथ मिलाया है। सहयोग और साझेदारी का उद्देश्य पूरे देश में जनजातीय पारिस्थितिकी तंत्र का पूर्ण परिवर्तन करना है।जनजातीय आकांक्षी जिलों में वन धन योजना लागू करने के लिए आगे की कार्रवाई के रूप में ट्राइफेड टीम ने नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत की अध्यक्षता में हुई बैठक में आकांक्षी जिलों के डीएम/डीसी को वन धन योजना के बारे में जानकारी दी।
वन धन जनजातीय स्टार्ट-अप्स और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना के माध्यम से लघु वनोपज (एमएफपी) के विपणन के लिए व्यवस्था और एमएफपी योजना के लिए मूल्य श्रृंखला का विकास, जो वन उत्पादों के संग्रहकतार्ओं को एमएसपी प्रदान करता है और जनजातीय समूहों तथा क्लस्टरों के माध्यम से मूल्य वर्धन और विपणन करता है, ट्राइफेड, जनजातीय मामलों के मंत्रालय की कई पहलों में से हैं, जो जनजातीय आबादी के लिए रोजगार और आय सृजन करके सहायक साबित हुए हैं।
ट्राइफेड के अनुसार 37,904 वन धन विकास केंद्र (वीडीवीके) 300 वनवासियों के 2275 वन धन विकास केंद्र क्लस्टरों (वीडीवीकेएस) में शामिल किए गए, जिन्हें अभी तक ट्राइफेड द्वारा स्वीकृत किया गया है।
एक विशिष्ट वन धन विकास केंद्र में 20 जनजातीय सदस्य शामिल होते हैं। 15 ऐसे वन धन विकास केंद्र एक वन धन विकास केंद्र क्लस्टर बनाते हैं।
वन धन विकास केंद्र क्लस्टर 27 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 6.77 लाख जनजातीय वन संग्रहकतार्ओं को बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्था, आजीविका और बाजार-संपर्क के साथ-साथ उद्यमिता के अवसर प्रदान करेंगे। वन धन स्टार्ट-अप्स कार्यक्रम से अब तक 50 लाख जनजातीय लोग प्रभावित हुए हैं। यह योजना महामारी के दौरान हाशिए पर पड़े लोगों की घटती आजीविका के लिए वरदान साबित हुई है।
अच्छी योजना और क्रियान्वयन के साथ ट्राइफेड और 27 राज्यों में इसके राज्य एजेंसी भागीदारों ने कार्यक्रम के परिणामों में एक बड़ा बदलाव लाया है। ट्राइफेड की वन धन योजना उन 124 जिलों में लागू किए जाने के विभिन्न चरणों में हैं जिन्हें आकांक्षी जिले घोषित किया गया है। इसे आकांक्षी जिलों के सभी जनजातीय क्लस्टरों में लागू किया जा सकता है।
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