केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने साहसिक पर्यटन को एक पसंदीदा पर्यटन उत्पाद के रूप में मान्यता दी है। इसमें भारत को पर्यटन के लिये 365 दिनों के गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने और विशिष्ट रुचि वाले पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अन्य बातों के साथ-साथ वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां शामिल हैं। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक स्वदेश दर्शन योजना की तटीय सर्किट थीम के तहत राज्यों को लगभग 631 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक विश्व स्तर पर साहसिक पर्यटन के लिए भारत को एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में पहचान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। पर्यटन मंत्रालय ने साहसिक पर्यटन के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति भी तैयार की है। साहसिक पर्यटन के विकास के लिए रणनीति दस्तावेज में रणनीतिक इकाइयों की पहचान की गई है।
रणनीति दस्तावेज में राज्य मूल्यांकन, रैंकिंग और रणनीति, कौशल, क्षमता निर्माण और प्रमाणन, मार्केटिंग और प्रमोशन, साहसिक पर्यटन सुरक्षा प्रबंधन ढांचे को सु²ढ़ बनाना, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय बचाव और संचार ग्रिड, गंतव्य और उत्पाद विकास, शासन और संस्थागत ढांचा जैसे विषय शामिल हैं।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के सचिव के अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय साहसिक पर्यटन बोर्ड का गठन किया गया है। इसमें चिन्हित केंद्रीय मंत्रालयों, संगठनों, राज्य सरकारों, केंद्र शासित राज्यों की सरकारों के प्रतिनिधियों और पर्यटन उद्योग के हितधारकों को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य देश में साहसिक पर्यटन का विकास करने और उसे बढ़ावा देने के लिए बनी रणनीति का संचालन और क्रियान्वयन शामिल हैं।
पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सोमवार को लोकसभा में उत्तर देते हुए बताया कि उपरोक्त के अलावा, पर्यटन मंत्रालय राष्ट्रीय जल खेल संस्थान (एनआईडब्ल्यूएस), गोवा के विभिन्न कौशल विकास पाठ्यक्रमों के जरिए वाटर स्पोर्ट्स संचालकों को प्रशिक्षण प्रदान करता है और प्रशिक्षुओं को प्रमाणित कर रहा है।
इसके अलावा, स्वदेश दर्शन की योजना के तहत तटीय सर्किट की पहचान एक विषयगत सर्किट के रूप में की गई थी, ताकि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके। योजना के तटीय सर्किट विषय के तहत विभिन्न राज्यों में स्वीकृत परियोजनाओं का विवरण नीचे दिया गया है।
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Source : IANS