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तालचर उर्वरक संयंत्र अक्टूबर 2024 तक काम करना शुरू करेगा : मंडाविया

तालचर उर्वरक संयंत्र अक्टूबर 2024 तक काम करना शुरू करेगा : मंडाविया

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IANS
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New Delhi

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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केंद्रीय उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा कि महत्वाकांक्षी तलचर उर्वरक संयंत्र अक्टूबर 2024 तक देश को समर्पित कर दिया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान की उपस्थिति में तलचर उर्वरक संयंत्र की प्रगति की समीक्षा करते हुए मंडाविया ने कहा, भारत के कृषि क्षेत्र को उर्वरकों की जरूरत है और देश इस समय उर्वरकों के आयात और घरेलू उत्पादन पर निर्भर है। प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

देश में पांच नए उर्वरक संयंत्रों के आने से भारत के यूरिया के घरेलू उत्पादन में भारी वृद्धि देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि इनमें से चार संयंत्र पहले से ही काम कर रहे हैं, जबकि तलचर में एक कोयला गैसीकरण संयंत्र है जो अक्टूबर 2024 तक चालू हो जाएगा।

गेल (इंडिया) लिमिटेड, राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (आरसीएफ), कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और फर्टिलाइजर्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआईएल) द्वारा प्रवर्तित कंपनी तलचर फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (टीएफएल) द्वारा तालचर इकाई का पुनरुद्धार किया जा रहा है।

मंडाविया ने कहा, सरकार देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। उर्वरक उनमें से एक है। हमारे उर्वरक संयंत्रों में कोयला गैसीकरण जैसे नए तकनीकी हस्तक्षेपों का उपयोग करके और कोयले जैसे अपने स्वयं के संसाधनों का उपयोग करके भारत यूरिया क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, इस दृष्टिकोण के साथ भारत सरकार तलचर इकाई की प्रगति की समीक्षा कर रही है, जो भारत का सबसे बड़ा और पहला कोयला गैसीकरण यूरिया संयंत्र होगा।

मंडाविया ने यह भी कहा कि यह प्रयास देश के विशाल कोयला भंडार का इस तरह से दोहन करके देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जो सीधे तौर पर चलने वाली कोयला परियोजनाओं की तुलना में अधिक पर्यावरण अनुकूल है।

मंडाविया और प्रधान ने कार्य में हुई प्रगति की समीक्षा करने के साथ मॉडल रूम में परियोजना का अवलोकन किया। इसके बाद उन्होंने संयंत्र स्थल का दौरा किया, जहां परियोजना के निर्माण और निर्माण गतिविधियों की सावधानीपूर्वक समीक्षा की गई।

उन्होंने राष्ट्रीय संदर्भ में संयंत्र के महत्व पर जोर दिया और संबंधित अधिकारियों को संयंत्र को चालू करने की समय सीमा को पूरा करने का निर्देश दिया। मंडाविया ने संयंत्र को समय पर चालू करने के लिए सभी हितधारकों के बीच समन्वित प्रयासों पर जोर दिया।

टीएफएल को 12.7 लाख मीट्रिक टन प्रतिवर्ष (एलएमपीटीए) की स्थापित क्षमता के साथ एक नया कोयला गैसीकरण-आधारित यूरिया संयंत्र स्थापित करके एफसीआईएल के पूर्ववर्ती तलचर संयंत्र को पुनर्जीवित करना सरकार की तरफ से अनिवार्य किया गया है। यह परियोजना चूंकि कोयला गैसीकरण को बढ़ावा देती है, इसलिए यह 2030 तक 100 मीट्रिक टन कोयले को गैसीफाई करने का घोषित लक्ष्य पूरा करने में भी मदद करेगी।

एफसीआईएल के सभी पांच संयंत्रों के शुरू होने से देश में 63.5 एलएमपीटी स्वदेशी यूरिया उत्पादन क्षमता आ जाएगी। पांच में से चार - रामागुंडम, गोरखपुर, सिंदरी और बरौनी स्थित संयंत्र पहले ही देश में यूरिया का उत्पादन शुरू कर चुके हैं, जबकि तलचर संयंत्र के अक्टूबर 2024 तक शुरू होने की उम्मीद है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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