केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कपड़ा क्षेत्र के लिए बहुप्रतीक्षित उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी।
इस योजना के तहत पांच वर्षों में 10,683 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
सरकार के अनुसार, इस कदम से गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा जैसे राज्यों पर विशेष रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
सरकार को पांच साल की अवधि के दौरान इस क्षेत्र में 19,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की उम्मीद है।
इस योजना के तहत 3 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का संचयी कारोबार होगा और इस सेक्टर या क्षेत्र में 7.5 लाख से भी अधिक लोगों के लिए अतिरिक्त रोजगारों के साथ-साथ सहायक गतिविधियों के लिए भी कई लाख और रोजगार सृजित होंगे।
सरकार आकांक्षी जिलों और टियर-3 शहरों में निवेश को उच्च प्राथमिकता देगी।
उद्योग जगत के प्रतिभागियों ने सरकार के फैसले की सराहना की है।
परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के अध्यक्ष ए. शक्तिवेल ने कहा कि यह भारतीय कपड़ा उद्योग के लिए एक गेम चेंजर होगा और भारत की विकास की कहानी को बदल देगा।
शक्तिवेल ने कहा कि इस योजना के परिणामस्वरूप विशाल अनुपात में नया निवेश होगा, विनिर्माण क्षमता का विस्तार होगा और निर्यात में कई गुना वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा, यह भारत को उच्च मूल्य वाले एमएमएफ उत्पादों पर ध्यान देने के साथ वैश्विक कपड़ा मूल्य श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी बना देगा। इसके अलावा, यह देश के पिछड़े क्षेत्रों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा।
पीएलआई योजना का फोकस मानव निर्मित फाइबर और तकनीकी फाइबर सेगमेंट के विकास के लिए होगा जो उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में उच्च मांग में हैं जहां भारत पहले से ही अपने तकनीकी उत्पादों के साथ बड़ी उपस्थिति रखता है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इन रेशों से बने कपड़े और वस्त्र इस योजना का फोकस होंगे ताकि देश में विश्व स्तर की सुविधाओं का निर्माण हो सके।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार यूके, यूएस, ईयू जैसी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर भी काम कर रही है जो देश को मांग आयात प्राप्त करने के साथ-साथ निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेगा। मंत्री ने कहा कि एफटीए से कपड़ा क्षेत्र को भी मदद मिलेगी।
बता दें कि वस्त्र उद्योग के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय वाली पीएलआई योजना केंद्रीय बजट 2021-22 में 13 क्षेत्रों के लिए पहले घोषित की गई पीएलआई योजनाओं का हिस्सा है। 13 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं की घोषणा के साथ, भारत में न्यूनतम उत्पादन पांच वर्षों में लगभग 37.5 लाख करोड़ रुपये का होगा और पांच वर्षों में कम से कम लगभग 1 करोड़ रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।
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Source : IANS