logo-image

8 फीसदी GDP करने के लिए इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) ने दिया ये बड़ा बयान

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (India Ratings) ने बयान में कहा कि भारत को श्रम उत्पादकता को 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर की रफ्तार से बढ़ाना होगा ताकि आठ प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर (GDP Growth Rate) को हासिल किया जा सके.

Updated on: 09 Jan 2020, 03:39 PM

नयीदिल्ली:

Indian Economy: देश को आठ प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए श्रम उत्पादकता को 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ाना होगा. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी (Credit Rating Agency) इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) ने बृहस्पतिवार को यह बात कही. वित्त वर्ष 2018-19 में श्रम उत्पादकता वृद्धि 5.2 प्रतिशत पर रही. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने बयान में कहा कि भारत को अपनी श्रम उत्पादकता को 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर की रफ्तार से बढ़ाना होगा ताकि आठ प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर (GDP Growth Rate) को हासिल किया जा सके. नौ प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर के लिए श्रम उत्पादकता को 7.3 प्रतिशत पर ले जाना होगा.

यह भी पढ़ें: सरकार की पॉलिसी में अगर कोई कमी है तो अर्थशास्त्री बताएं हम करेंगे सुधार, PM मोदी ने कहा

8 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट को हासिल करना फिलहाल मुश्किल
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक आर्थिक नरमी (Economic Slowdown) को देखते हुए निकट भविष्य में इसके हासिल होने की संभावना नहीं है. हालांकि यह असंभव काम नहीं है. एजेंसी ने कहा कि श्रम उत्पादकता में वृद्धि के इस स्तर को पहले हासिल किया जा चुका है. अन्य देशों की तरह भारत की श्रम उत्पादकता वृद्धि में भी 2008 के वित्तीय संकट के बाद खासकर 2010-11 और 2014-15 में दबाव आया है. हालांकि बाद में इसमें सुधार आया है और यह 2015-16 से 2018-19 के दौरान बढ़कर 5.8 प्रतिशत पर पहुंच गई.

यह भी पढ़ें: Gold Silver Technical Analysis: MCX पर 40,200 रुपये का स्तर छू सकता है सोना, जानिए कैसे

बजट से पहले PM मोदी ने अर्थशास्त्रियों के साथ की अहम चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट (Union Budget 2020-21) से पहले अर्थशास्त्रियों (Economist) और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ नीति आयोग में बृहस्पतिवार को बैठक की. समझा जाता है कि इस बैठक में आर्थिक वृद्धि को गति देने के उपायों और अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा हुई. यह बैठक ऐसे समय आयोजित की गई, जबकि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के गिरकर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान सरकार ने लगाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में कहा है कि सरकार की नीतियों में अगर कोई कमी है तो अर्थशास्त्री हमें उसकी जानकारी दें ताकि हम उसमें सुधार कर सकें.