प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में बदलाव कर सकती है सरकार, पढ़ें पूरी खबर
बीमा कंपनियों की मुनाफाखोरी पर रोक लगाने के लिए सरकार अपनी प्रमुख फसल बीमा योजना-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में बदलाव कर सकती है.
highlights
- बीमा कंपनियों की मुनाफाखोरी पर रोक के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बदलाव संभव
- बदलाव का मुख्य मकसद किसानों को मौसम की मार से फसल के नुकसान से राहत दिलाना होगा
- योजना के तहत किसानों द्वारा बीमा किस्त की रकम का 1.5-2 फीसदी भुगतान किया जाता है
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY): किसानों को समय पर राहत दिलाने और बीमा कंपनियों की मुनाफाखोरी पर रोक लगाने के लिए सरकार अपनी प्रमुख फसल बीमा योजना-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में बदलाव कर सकती है.
इस बदलाव का मुख्य मकसद सही मायने में योजना से किसानों को मौसम की मार से फसल के नुकसान से राहत दिलाना होगा. हालांकि इससे PMFBY निजी बीमा कंपनियों के लिए उतनी आकर्षक नहीं रह जाएगी. क्योंकि इस योजना को पूरे देश में चलाने के लिए उनको सिर्फ प्रशासनिक शुल्क ही मिल सकता है.
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प्रीमियम के पैसे का प्रबंधन करने के लिए बनाया जाएगा ट्रस्ट
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय एक वैकल्पिक मॉडल पर विचार कर रहा है जिसके तहत बीमाकर्ताओं को केंद्र व राज्य सरकारों और किसानों द्वारा प्रदत्त प्रीमियम के पैसे का प्रबंधन करने के लिए एक पुल या ट्रस्ट बनाया जाएगा. किसानों द्वारा जब कभी कोई दावा किया जाएगा तो उसका समाधान पुल या ट्रस्ट के पैसों से बीमा कंपनी करेगी.
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पुल का प्रबंधन सरकारी कंपनियों द्वारा नोडल एजेंसी के रूप में काम करने वाली एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया (AICL) और बतौर पुल प्रबंधक जीआईसी द्वारा की जा सकती है. राज्य द्वारा चयनित बीमांकिक विशेषज्ञों के साथ एआईसीएल योजना का डिजाइन और उत्पाद की कीमतों का निर्धारण भी करेगी.
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इसके अलावा, दावे के भुगतान का फैसला भी एआइसीएल पर निर्भर होगा ओर राज्य सरकार बीमा कंपनी की भूमिका पंजीयन, जागरूकता पैदा करने और नियत प्रशासनिक शुल्क पर दावों के भुगतान का प्रबंधन तक सीमित करेगी. योजना में बदलाव की जानकारी रखने वाले एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस मॉडल से बीमाकर्ताओं खासतौर से निजी कंपनियों की विवेकाधीन शक्तियां समाप्त हो जाएंगी और समाधान में उनकी भूमिका सीमित हो जाएगी. इससे बीमाकर्ताओं की मुनाफाखोरी पर रोक भी लगेगी और दावों का समाधान समुचित व समय पर होगा.
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2016 में शुरू हुआ था PMFBY
योजना के तहत किसान बीमा किस्त की रकम का 1.5-2 फीसदी भुगतान करते हैं जबकि बाकी रकम के समान हिस्से का भुगतान केंद्र और राज्य सरकार करती हैं। किस्त की पूरी रकम बीमाकर्ताओं के पास रहती है. लगातार दो साल बारिश कम होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में PMFBY शुरू की थी. योजना के तहत पंजीयन में 15.5 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई और यह 2016 के 5.73 करोड़ से घटकर 2017-18 में 4.84 करोड़ रह गया.
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