प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले के बाद सबसे ज्यादा नुकसान कंज्यूमर गुड्स स्टॉक्स को हुआ है।
8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोट को अमान्य किए जाने की घोषणा के बाद से कंज्यूमर गुड्स स्टॉक्स में पैसा लगाने वाले निवेशकों का 1.2 लाख करोड़ रुपये डूब चुका है।
नोटबंदी के बाद से बीएई कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडेक्स और बीएसई फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) इंडेक्स में क्रमश: करीब 19 फीसदी और 10 फीसदी की गिरावट आई है। दोनों इंडेक्स में निवेशकों को करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
शुक्रवार को बीएसई फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स इंडेक्स में मामूली गिरावट आई है वहीं कंज्यूमर ड्यूरेबल्स मामूली मजबूती के साथ ट्रेड कर रहा है।
नोटबंदी के बाद से भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी का रूख जारी है।
नोटबंदी के फैसले के बाद कई रेटिंग एजेंसियां मौजूदा वित्त वर्ष के लिए जीडीपी अनुमान में कटौती कर चुकी है। जीडीपी अनुमान में कटौती किए जाने का असर भारतीय शेयर बाजारों पर पड़ा है।
इसके अलावा कमजोर वैश्विक संकेतों की वजह से भी भारत के शेयर बाजार बिकवाली के दबाव में हैं। ट्रंप के संरक्षणवादी नीतियों को प्रोत्साहन दिए जाने की आशंका के बाद से निवेशकों ने भारत समेत अन्य उभरती एशियाई अर्थव्वस्थाओं से पैसा निकालकर अमेरिकी बॉन्ड और स्टॉक में लगाना शुरू कर दिया है।
HIGHLIGHTS
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले के बाद सबसे ज्यादा नुकसान कंज्यूमर गुड्स स्टॉक्स को हुआ है
- नोटबंदी के बाद से कंज्यूमर गुड्स स्टॉक्स में पैसा लगाने वाले निवेशकों का 1.2 लाख करोड़ रुपये डूब चुका है
Source : News Nation Bureau