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मोदी सरकार पर निशाना साधने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय भी इकोनॉमी का हुआ था बेड़ा गर्क

मौजूदा मंदी (Economic Slowdown) को लेकर विपक्ष नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार पर हमलावर है. विपक्ष ने GDP के 5 फीसदी पर आने को लेकर सरकार पर काफी आरोप लगाए हैं.

नई दिल्ली:

मौजूदा समय में दुनियाभर में मंदी का माहौल है. अमेरिका और चीन (US-CHINA) के बीच जारी ट्रेड वॉर (Trade War) का नकारात्मक असर दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ रहा है. भारत भी इससे अछूता नहीं है. हालांकि केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार मंदी से निपटने के लिए कमर कस चुकी है. सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ताबड़तोड़ फैसले ले रही है और आने वाले समय में भी कई अहम फैसले लिए जाने की संभावना है. मौजूदा मंदी को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है.

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विपक्ष ने GDP के 5 फीसदी पर आने को लेकर सरकार पर काफी आरोप लगाए हैं. यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने भी मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल के नोटबंदी (Demonetisation) को लेकर किए गए फैसले की भारी आलोचना की है और GDP में आई भारी गिरावट को नोटबंदी और GST का परिणाम बताया है. हालांकि मनमोहन सिंह समेत हमलावर विपक्ष यह भूल गया है कि एक समय उनके कार्यकाल में भी GDP में भारी गिरावट दर्ज की गई थी. हालत तो यह हो गई थी कि GDP 5 फीसदी से भी नीचे आ गई थी.

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यूपीए-2 (UPA-2) में 5 फीसदी से कम थी GDP ग्रोथ रेट
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 5 फीसदी दर्ज की गई है. हालांकि अगर आंकड़ों को देखें तो यूपीए-2 (UPA-2) के कार्यकाल में वित्त वर्ष 2013 (FY13) में देश की GDP 4.96 फीसदी दर्ज की गई थी. GDP में गिरावट का दौर यूपीए के कार्यकाल में ही शुरू हो चुका था. यूपीए के पहले कार्यकाल में जीडीपी ग्रोथ रेट 9.57 फीसदी दर्ज की गई थी. हालांकि उसके बाद के वर्षों में जीडीपी ग्रोथ रेट में गिरावट का दौर शुरू हो गया था.

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5 फीसदी पर आई आर्थिक विकास दर (GDP Growth Rate)
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानि अप्रैल-जून में भारत की आर्थिक विकास दर (GDP Growth Rate) घटकर सिर्फ 5 फीसदी रह गई है. देश की जीडीपी ग्रोथ लुढ़ककर साढ़े छह साल के निचले स्तर पर आ गई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी दर्ज की गई थी. GDP के ताजा आंकड़ों को लेकर हर तरफ चिंता का माहौल बन गया है. ऐसे हालात में यह भी देखना जरूरी है कि दुनियाभर के प्रमुख देशों से जिनका हमसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबंध है. उनकी GDP को लेकर क्या आंकड़े हैं.

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चीन की जीडीपी ग्रोथ 6.2 फीसदी
2019 में चीन की GDP ग्रोथ 6.2 फीसदी दर्ज की गई है, जबकि 2018 में चीन की जीडीपी ग्रोथ 6.6 फीसदी रही थी. मौजूदा समय में चीन का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 12.24 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर है. चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने 2019 की दूसरी तिमाही में 6.2 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रहने का अनुमान जताया था.

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अमेरिका और जापान की जीडीपी ग्रोथ काफी कम
2019 की पहली तिमाही में अमेरिका का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की विकास दर 3.2 फीसदी दर्ज की गई है. बता दें कि भारत के मुकाबले अमेरिकी की जीडीपी ग्रोथ 1.8 फीसदी कम है. मौजूदा समय में अमेरिका की जीडीपी 19.39 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर है. वहीं जापान की बात करें तो वहां की GDP ग्रोथ रेट 1.8 फीसदी दर्ज की गई है. जापान की जीडीपी ग्रोथ के मुकाबले भारत की GDP ग्रोथ ढाई गुना से ज्यादा है. फिलहाल जापान की GDP 4.87 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर है.

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भारत से काफी पीछे है कंगाल पाकिस्तान की GDP
चालू वित्त वर्ष में कंगाल पाकिस्तान (Kangaal Pakistan) की जीडीपी ग्रोथ 3.29 फीसदी दर्ज की गई है. मौजूदा समय में पाकिस्तान का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 312.57 अरब डॉलर है. पाकिस्तान के आंकड़ों को देखें तो वहां की जीडीपी भारत के मुकाबले काफी पीछे है. IMF ने अनुमान लगाया है कि मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए निकट भविष्य में पाकिस्तान की जीडीपी (GDP) ग्रोथ 2.9 फीसदी रह सकती है, जो कि पूरे दक्षिण एशिया में सबसे कम है. जुलाई 2019 में पाकिस्तान में महंगाई दर 10.3 फीसदी दर्ज की गई थी.