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आम आदमी को मंदी के झटके से बचाने के लिए नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ले सकती है बड़ा फैसला

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानि अप्रैल-जून में भारत की आर्थिक विकास दर (GDP Growth Rate) घटकर सिर्फ 5 फीसदी रह गई है.

Updated on: 02 Sep 2019, 04:03 PM

नई दिल्ली:

भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) मंदी की गिरफ्त में है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानि अप्रैल-जून में भारत की आर्थिक विकास दर (GDP Growth Rate) घटकर सिर्फ 5 फीसदी रह गई है. देश की जीडीपी ग्रोथ लुढ़ककर साढ़े छह साल के निचले स्तर पर आ गई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी दर्ज की गई थी. केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार मंदी से निपटने के लिए हर तरह के उपाय कर रही है.

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मंदी से निपटने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए
मोदी सरकार ने मंदी से निपटने के लिए ही FPI के नियमों में बदलाव और सरकारी बैंकों के विलय को लेकर बेहद महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. सरकार आगे भी कई महत्वपूर्ण फैसले ले सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि केंद्र सरकार आगामी GST काउंसिल की बैठक में ऑटोमोबाइल सेक्टर में GST कटौती का प्रस्ताव रखेंगी. उनका कहना है कि सरकार ऐसा करके मांग में कमी का सामना कर रहे ऑटोमोबाइल सेक्टर को काफी राहत मिलेगी. जानकारों का कहना है कि अगर सरकार GST कटौती जैसे कदम उठाती है तो त्यौहारी सीजन से पहले आम आदमी को बेहद सस्ती गाड़ियों का तोहफा मिल जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार द्वारा रियल एस्टेट सेक्टर को भी राहत पैकेज दिया जा सकता है.

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GST कलेक्शन में भारी गिरावट
मोदी सरकार को एक बार फिर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) कलेक्शन के मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है. अगस्त में जीएसटी कलेक्शन फिर 1 लाख करोड़ रुपये से नीचे रहा है. राजस्व विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त महीने में कुल 98,202 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ है. बता दें कि केंद्र सरकार ने बजट में GST कलेक्शन के अनुमान को 7.6 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 6.63 लाख करोड़ कर दिया था.

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अर्थव्यवस्था में मंदी को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधा
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश की जीडीपी, अर्थव्यवस्था में मंदी और नौकरियों में कमी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि फिलहाल देश की स्थिति बेहद चिंताजनक है. पिछली तिमाही की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 5 फीसदी इस बात के साफ संकेत देती है कि हम एक लंबे समय से मंदी के बीच में हैं.

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उन्होंने कहा, देश में इससे कहीं ज्यादा दर पर वृद्धि की क्षमता है लेकिन मोदी सरकार के कुप्रबंध के कारण आज अर्थव्यवस्था में मंदी देखने को मिल रही है. मनमोहन सिंह ने कहा, यह विशेष रूप से परेशान करने वाला तथ्य है कि मैन्यूफैक्टरिंग सेक्टर की वृद्धि 0.6% से कम हो रही है. इससे ये साफ पता चलता है कि हमारी अर्थव्यवस्था अभी तक नोटबंदी जैसी गलती और जल्दबाजी में लागू की गई जीएसीटी से उबर नहीं पाई है.