इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर (Electronic Sector) के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार नई पॉलिसी के तहत इस सेक्टर को कुछ राहत दे सकती है और कुछ नई स्कीम लेकर आ सकती है. इसके लिए आज विज्ञान भवन में इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (CEO) के साथ कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) मुलाकात कर रहे हैं.
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इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर को मंदी से बाहर निकालना चाहती है सरकार
इस बैठक में इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में इंपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए नई पॉलिसी आ सकती है. इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने और इलेक्ट्रॉनिक गुड्स की सप्लाई चेन को बढ़ाने के लिए भी बड़ा फैसला हो सकता है. दरअसल, सरकार इस क्षेत्र को मंदी की मार से निकालना चाहती है. इसीलिए मोदी सरकार इस सेक्टर को राहत देने पर विचार कर रही है. बता दें कि भारत में आज मोबाइल से लेकर ड्रोन भी बनाए जा रहे हैं.
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ऐसे में इस क्षेत्र को कैसे बढ़ावा दिया जाए इस पर कई कंपनियों के CEO से मुलाकात हो रही है. यह बैठक शाम 5 बजे तक चलेगी. विज्ञान भवन में बैठक शुरू हो चुकी है. रविशंकर प्रसाद इस बैठक को संबोधित कर रहे हैं. बैठक में 100 से ज़्यादा कंपनियों के सीईओ और अधिकारी पहुंचे हुए हैं जिसमे मोबाइल, ड्रोन, लैपटॉप जैसी कंपनियां शामिल हैं.
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इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में 17.5 फीसदी FDI आया
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 2014 में जब भारत 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी. 2018 में भारत 7वीं और आज 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ये बड़ा बदलाव हुआ है. आने वाले 5 सालों में भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगी. कुछ समय में ही इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में 17.5 फीसदी FDI आया है. भारत दुनिया मे दूसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप प्रोग्राम चलाने वाला देश है. मौजूदा समय में 1.20 बिलियन मोबाइल फोन भारत के पास है.
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2020 तक स्मार्टफोन 600 मिलियन प्लस यूजर हो जाएंगे. इंटरनेट का योगदान 7.5 फीसदी जीडीपी में जल्द हो जाएगा. देश में 2014 में सिर्फ 2 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां थी और आज 268 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां हैं. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत 77वें स्थान पर आ गया है. भारत 5जी के मामले में बड़ा काम करने जा रहा है जिसमें भारत आरएंडडी पर भी सबसे ज़्यादा फोकस करेगा. रविशंकर प्रसाद ने आईटी विभाग से टास्क फोर्स बनाने को कहा है जो इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर के लोगों के साथ बैठक करेगी इसके अलावा उनसे लगातार संपर्क में रहेगी ताकि इस सेक्टर की जरूरतें सामने आ सके और उसपर काम किया जा सके.