RIL AGM से पहले ही कर लिया था मुकेश अंबानी ने ये बड़ा फैसला!

RIL की ओर से जो सूचना शेयर बाजार को दी गई है, उसमें बताया गया है कि कंपनी की AGM से पहले कंपनी के बोर्ड ऑफ डारेक्टर्स की भी मीटिंग हुई. इसी में ईशा, आकाश और अनंत कको नॉन एक्जीक्यूटिव डारेक्टर बनाया गया. 

RIL की ओर से जो सूचना शेयर बाजार को दी गई है, उसमें बताया गया है कि कंपनी की AGM से पहले कंपनी के बोर्ड ऑफ डारेक्टर्स की भी मीटिंग हुई. इसी में ईशा, आकाश और अनंत कको नॉन एक्जीक्यूटिव डारेक्टर बनाया गया. 

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Prashant Jha
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अंबानी परिवार( Photo Credit : फाइल फोटो)

धीरूभाई अंबानी एक बेहद सफल और दूरदर्शी बिजनेसमैन थे. लेकिन उनसे एक गलती हुई. उन्होंने अपने दोनों बेटों के बीच कारोबार का बंटवारा नहीं किया था. लेकिन मुकेश अंबानी अपने पिता की इस गलती को दोहराना नहीं चाहते. उन्होंने अपने तीनों बच्चों के बीच उत्तराधिकार योजना को एक कदम और आगे बढ़ा दिया है. इसके तहत ईशा, आकाश और अनंत को कंपनी के बोर्ड का सदस्य बना दिया गया है. 28 अगस्त को कंपनी की सालाना आम बैठक हुई. जिसमें ये ऐलान किया गया. तीनों को ही नॉन एक्जीक्यूटिव डारेक्टर बनाया गया है और साथ ही खुद मुकेश अंबानी अब अगले पांच सालों तक रिलायंस इंडस्ट्री के सीएमडी बने रहेंगे. 

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जो जानकारी अभी तक सामने आई है उसके मुताबिक ईशा को रिलायंस रिटेल का काम सौंपा गया है. जबकि आकाश को रिलायंस इंफोकॉम यानी रिलायंस जियो की जिम्मेदारी दी गई है. और अनंत अंबानी को ऑयल और गैस की जिम्मेदारी दी गई है. 

नीता सभी बोर्ड बैठकों में होंगी शामिल

रिलायंस मैनेजमेंट में एक बड़ा बदलाव ये हुआ है कि मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है. इसको निदेशक मंडल ने स्वीकार कर लिया है. ऐसा माना जा रहा है कि नीता अब अपना पूरा वक्त रिलायंस फाउंडेशन को दे पाएंगी और इसी वजह से उन्होंने ये फैसला भी किया है. हालांकि रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन होने के नाते वो RIL की सभी बोर्ड बैठकों में भी शामिल होती रहेंगी.

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बच्चों को किसी कानूनी पेंच में नहीं फंसने देना चाहते हैं अंबानी

दरअसल मुकेश अंबानी की उम्र अब 66 साल हो गई है. और वो चाहते हैं कि तीनों बच्चों के बीच संपत्ति का बंटवारा सही तरीके से हो जाए. वो नहीं चाहते कि जैसे उन्होंने और अनिल ने इसके लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया का सामना किया था. वैसा उनके बच्चों को करना पड़े. यही वजह है कि उन्होंने 2022 से ही उत्तराधिकार प्रक्रिया को शुरू कर दिया था. मुकेश अंबानी ने इसके लिए दुनिया भर में बंटवारों की प्रक्रिया को समझा. खास तौर पर अमेरिका की बंटवारा प्रक्रिया को. एक्सपर्ट्स की सलाहें ली गईं. कानून समझे गए. और आखिर में तीनों बच्चों के बीच उत्तराधिकार की प्रक्रिया शुरु की गई. 

 मुकेश और अनिल के बीच उत्तराधिकार की लड़ाई करीब छह सालों तक चली थी. मुकेश के पास तेल, गैस और कपड़े का कारोबार आया था, जबकि अनिल के पास बिजली, टेलीकॉम और फाइनेंस. आज जब मुकेश अंबानी दुनिया के 10 सबसे बड़े रईसों की लिस्ट में शामिल हैं तो वहीं अनिल अंबानी की स्थिति ठीक नहीं है. उन पर भारी कर्ज है. अब जब भारत में नए यूनिकॉर्न्स का उद्य हो रहा है. ऐसे में मुकेश नहीं चाहते कि उनके बच्चे बिजनेस को आगे बढ़ाने की जगह कानूनी प्रक्रियाओं में उलझें.

वरुण कुमार की रिपोर्ट

Source : News Nation Bureau

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