देश में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है. इस बीच देश में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो गई हैं. ऐसे में अब मोदी सरकार एक और राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है. इसे लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, मंत्रालय के सचिव और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के बीच बैठकें भी हो रही हैं. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पिछले एक हफ्ते में वित्त मंत्रालय और PMO के बीच कई बैठकें हुई हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि लॉकडाउन की वजह से और महामारी के चलते हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए सरकार एक और राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है. बताया ये भी जा रहा है कि लॉकडाउन के बाद स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार ये कदम उठा रही है.
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बता दें, इससे पहले भी मोदी सरकार गरीबों के लिए बड़े ऐलान कर चुकी है. इसमें सरकार ने गरीबों के लिए एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहत पैकेज की घोषणा की थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों की मदद की जाएगी. उन्होंने कहा छथा कि गरीबों के लिए कैश ट्रांसफर भी किए जाएंगे. इसके अलावा कोरोना वारियर्स के लिए मेडिकल इंश्योरेंस उपलब्ध कराया जाएगा.
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इसके अलावा मनरेगा की मजदूरी को 182 से बढ़ाकर 202 रुपये करने का फैसला लिया गया था. इससे 5 करोड़ परिवालों को फायदा मिलेगा. गरीब बुजुर्गों को 1 हजार रुपये की मदद दिए जाने का ऐलान किया गया था. वित्त मंत्री ने कहा गया था कि उज्जवला स्कीम में 3 महीने तक सिलेंडर फ्री दिया जाने का निर्णय लिया गया है.
3 महीने तक महिला जनधन अकाउंट में 500 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे. छोटे कारोबार के कर्मचारियों का प्रॉविडेंड फंड सरकार जमा कराएगी. केंद्र सरकार अगले 3 महीने तक ढा जमा कराएगी. ईपीएफ (एढा) में 12 फीसदी + 12 फीसदी रकम सरकार जमा करेगी.