logo-image

Coronavirus (Covid-19): मोदी सरकार ने दिया भरोसा, कहा- तेजी से पटरी पर लौट रही है देश की अर्थव्यवस्था

Coronavirus (Covid-19): जून तिमाही में भारत की जीडीपी में सबसे बड़ी गिरावट आई है. रिपोर्ट के अनुसार जून तिमाही में अमेरिका की अर्थव्यवस्था में 9.1 प्रतिशत की कमी आई है, ब्रिटेन और फ्रांस में क्रमशः 21.7 प्रतिशत और 18.9 प्रतिशत की गिरावट रही.

Updated on: 05 Sep 2020, 08:15 AM

नई दिल्ली:

Coronavirus (Covid-19): वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने कहा कि देश में लॉकडाउन को कड़ाई से लागू किये जाने के कारण जून तिमाही में अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में बड़ी गिरावट आयी है, लेकिन इसके बाद गतिविधियां बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौट रही है. मंत्रालय ने अगस्त की मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा कि देश की अर्थव्यवस्था (GDP Growth Rate) पहली तिमाही में गिरने के बाद अब तेजी से ऊपर की तरफ जा रही है. इसमें कहा गया है कि देश में कोराना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये वित्त वर्ष की शुरुआत में लगाये गये लॉकडाउन की वजे से जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है.

यह भी पढ़ें: Petrol Diesel Price: डीजल के दाम में गिरावट, जानिए आज क्या है रेट 

प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में जून तिमाही में भारत की जीडीपी में सबसे बड़ी गिरावट
दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में जून तिमाही में भारत की जीडीपी में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है. रिपोर्ट के अनुसार, जून तिमाही में अमेरिका की अर्थव्यवस्था में 9.1 प्रतिशत की कमी आई है जबकि ब्रिटेन और फ्रांस में क्रमशः 21.7 प्रतिशत और 18.9 प्रतिशत की गिरावट रही. वहीं स्पेन, इटली और जर्मनी की अर्थव्यवस्थाओं में क्रमशः 22.1 प्रतिशत, 17.7 प्रतिशत और 11.3 प्रतिशत की गिरावट आयी. यूरो क्षेत्र में 15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी, जबकि जापान की अर्थव्यवस्था में 9.9 प्रतिशत की गिरावट रही. रिपोर्ट में कहा गया कि इन उन्नत देशों के सापेक्ष, भारत की जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आयी, जो थोड़ी अधिक है. हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया कि कड़े लॉकडाउन की वजह से कोरोना वायरस के कारण होने वाली मृत्यु की दर भारत में सबसे कम रही है. 31 अगस्त तक भारत की मृत्यु दर 1.78 प्रतिशत थी, जबकि अमेरिका में 3.04 प्रतिशत, ब्रिटेन में 12.35 प्रतिशत, फ्रांस में 10.09 प्रतिशत, जापान में 1.89 प्रतिशत और इटली में 13.18 प्रतिशत रही है.

यह भी पढ़ें: दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका के ऊपर मंडरा रहा है ये भयानक खतरा

इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया कि देश वी-आकार की तरह तेजी से वापसी कर रहा है, जो वाहन बिक्री, ट्रैक्टर बिक्री, उर्वरक बिक्री, रेलवे माल ढुलाई, इस्पात की खपत और उत्पादन, सीमेंट उत्पादन, बिजली की खपत, ई-वे बिल, जीएसटी राजस्व संग्रह, राजमार्गों पर दैनिक टोल संग्रह, खुदरा वित्तीय लेनदेन, विनिर्माण पीएमआई, मुख्य उद्योगों के प्रदर्शन, पूंजी प्रवाह तथा निर्यात जैसे संकेतकों से भी पता चल रहा है. भारत का विनिर्माण खरीद प्रबंध सूचकांक (पीएमआई) अगस्त में 52.2 पर पहुंच गया. यह पहली बार है जब लॉकडाउन के बाद किसी महीने में विनिर्माण पीएमआई 50 से ऊपर रहा है.

यह भी पढ़ें: IMF ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर जारी किया बेहद डराने वाला अनुमान 

विनिर्माण पीएमआई के 50 से ऊपर रहने से पता चलता है कि विनिर्माण से जुड़ी गतिविधियों में विस्तार हो रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि का आर्थिक गतिविधियों को रास्ते पर लाने में सबसे बेहतर योगदान रहा है. औद्योगिक उत्पादन में भी पक्के तौर पर सुधार आ रहा है. बुनियादी ढांचा क्षेत्र के आठ प्रमुख उद्योगों में जून के मुकाबले कम गिरावट रही है. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश प्रवाह बेहतर बना हुआ है, जिसके बल पर देश का विदेशी मुद्रा भंडार 21 अगस्त को 537.5 अरब डालर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया.