Patanjali News: पतं​जलि की ये दवा फेफड़ों की गंभीर बीमारियों को करेगी दूर, अचूक आयुर्वेदिक इलाज

Patanjali News: आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान के संगम से पतंजलि ने फेफड़ों की गंभीर बीमारियों का इलाज ढूंढ़ निकाला है. ब्रोकोम जैसी आयुर्वेदिक औषधी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान देने में सक्षम है

Patanjali News: आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान के संगम से पतंजलि ने फेफड़ों की गंभीर बीमारियों का इलाज ढूंढ़ निकाला है. ब्रोकोम जैसी आयुर्वेदिक औषधी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान देने में सक्षम है

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Mohit Saxena
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Patanjali

पतं​जलि (social media)

Patanjali News: पूरा विश्व प्लास्टिक की वजह से बीमार होता रहा है. खाने की प्लेट हो या चाय का कप हर जगह प्लाटिक का उपयोग हो रहा है. इसके कारण लोगों को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है.  प्लास्टिक के छोटे-छोटे कण जिन्हें माइक्रोप्लास्टिक भी कहा जाता है, यह अब हवा, पानी और भोजन में शामिल हो गए हैं. हम अनजाने में इसका सेवन कर रहे हैं. जब ये कण मानव शरीर में एंटर करते है तो खासकर फेफड़ों में, तो ये कण, सूजन, जलन और कोशिकीय क्षति पहुंचाते हैं. इससे समस्याएं पैदा होती हैं. Lung Inflammation और Airway Hyper-Responsiveness जैसी गंभीर बीमारियां का उदय होता है. 

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bronchom Photograph: (social media)

 

पतंजलि ने रिसर्च में ढूंढ़ निकाला सच 

पतंजलि के वैज्ञानिकों की ओर से चूहों पर किए शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि माइक्रोप्लास्टिक के कारण होने वाले फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी को आयुर्वेदिक औषधि ब्रोंकोम से काफी हद तक रोकना संभव है. इस शोध में सामने आया कि ब्रोंकोम के उपचार ने माइक्रोप्लास्टिक से होने वाले फेफड़ों के इन्फ्लेमेशन से जुड़े मार्कर्स जैसे Cytokine Release तथा इसके साथ Airway Hyper-Responsiveness के खतरे को काफी कम कर दिया है. यह शोध विश्व प्रतिष्ठित Elsevier प्रकाशन के अंतरराष्ट्रीय रिसर्च जर्नल Biomedicine & Pharmacotherapy में पब्लिश किया गया है. 

इस पर आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि पतंजलि का लक्ष्य आयुर्वेद को वैज्ञानिक रूप से प्रूफ करना है. विश्व की स्वास्थ्य समस्याओं का निदान करना है. यह शोध प्रमाणित करता है ​कि सनातन ज्ञान, लक्षित अनुसंधान और साक्ष्य-आधारित औषधियों के जरिए पर्यावरणीय कारकों की ओर से पनप रही बीमारियों का समाधान हो सकता है. 

पतंजलि अनुसंधान संस्थान के उपाध्यक्ष और प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय ने इस दौरान कहा कि सनातन ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के इस अद्भुत संगम ने पूरी दुनिया को स्वस्थ्य बनाने की आपार ताकत है. आयुर्वेद के इस प्राचीन ज्ञान को वैज्ञानिक प्रमाणों के संग पेश किया जाए. 

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