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LIC कर्मचारी 4 फरवरी को 1 घंटे हड़ताल पर, RSS से जुड़ा BMS भी सरकार के विरोध में

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के कर्मचारी केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के उस बजटीय प्रस्ताव के खिलाफ चार फरवरी को एक घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर रहेंगे.

Updated on: 02 Feb 2020, 09:00 AM

highlights

  • मंगलवार को सवा 12 बजे से सवा एक बजे तक एक घंटे की हड़ताल पर रहेंगे.
  • उसके बाद आगे के कदम के बारे में निर्णय लेंगे संगठन.
  • हिस्सेदारी बेचने के फैसले का आरएसएस से जुड़े बीएमएस ने भी विरोध किया है.

नई दिल्ली:

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के कर्मचारी केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के उस बजटीय प्रस्ताव के खिलाफ चार फरवरी को एक घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर रहेंगे, जिसमें उन्होंने एलआईसी में सरकार की एक हिस्सेदारी बेचने की बात कही है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने भी जीवन बीमा निगम और बैंक में विनिवेश के उठाए गए कदम को घातक बताया है. भारतीय मजदूर संघ ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा है कि बेहतर हो कि सरकार (Modi Government) बगैर राष्ट्र की संपत्तियों को बेचे राजस्व जुटाने का कोई मॉडल बनाए.

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मंगलवार को दोपहर रहेगी हड़ताल
जीवन बीमा निगम कर्मचारी एसोसिएशन के कोलकाता डिविजन के उपाध्यक्ष प्रदीप मुखर्जी ने कहा, 'हम मंगलवार को सवा 12 बजे से सवा एक बजे तक एक घंटे की हड़ताल करेंगे' हम उसके बाद अपने सभी कार्यालयों में प्रदर्शन भी आयोजित करेंगे.' उन्होंने कहा, 'उसके बाद हम सड़क पर उतरेंगे और इस कदम का विरोध करेंगे. हम सभी सांसदों के पास भी जाएंगे.' एलआईसी के आंशिक विनिवेश के प्रस्ताव को राष्ट्रहित के खिलाफ बताते हुए मुखर्जी ने कहा कि यह कंपनी इस समय पूंजी के मामले में भारत की सबसे बड़ी वित्तीय कंपनी है, जो भारतीय स्टेट बैंक को भी पीछे छोड़ चुकी है.'

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आगे की रणनीति भी होगी तैयार
ऑल इंडिया इंश्योरेंस इम्प्लाईज एसोसिएशन (एआईआईईए) ने भी सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा है कि पहले तीन या चार फरवरी को एक घंटे की हड़ताल की जाएगी. एआईआईईए के महासचिव श्रीकांत मिश्रा ने चेन्नई में कहा, 'हम इस कदम के खिलाफ हैं. पहले हम तीन या चार फरवरी को एक घंटे की हड़ताल करेंगे और उसके बाद अपने आगे के कदम के बारे में निर्णय लेंगे.' गौरतलब है कि एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने के फैसले से कई आर्थिक विशेषज्ञ भी खुश नहीं हैं.

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एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने का फैसला घातक
केंद्र सरकार की ओर से एलआईसी और आईडीबीआई में हिस्सेदारी बेचने के फैसले का आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ(बीएमएस) ने भी विरोध किया है. संगठन ने जीवन बीमा निगम और बैंक में विनिवेश के उठाए गए कदम को घातक बताया है. भारतीय मजदूर संघ ने शनिवार को आए बजट के बाद देर शाम जारी बयान में सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की है. संघ ने कहा है कि राष्ट्र की सम्पत्तियों को बेचकर पैसे जुटाने का तरीका खराब अर्थशास्त्र का उदाहरण है. संघ से जुड़े इस संगठन ने सरकार के आर्थिक सलाहकारों और नौकरशाहों पर निशाना साधते हुए उनके ज्ञान और विजन में कमी बताई है.

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सरकार राजस्व जुटाने का सही मॉडल बनाए
भारतीय मजदूर संघ ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा है कि बेहतर हो कि सरकार बगैर राष्ट्र की संपत्तियों को बेचे राजस्व जुटाने का कोई मॉडल बनाए. भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम देश के मध्यम वर्ग की बचत को सुरक्षित रखने वाला उपक्रम है, जबकि आईडीबीआई ऐसा बैंक है जो छोटे उद्योगों को वित्तपोषित करता है. ऐसे में दोनों उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने का खामियाजा भुगतना पड़ेगा. राजस्थान के जोधपुर में चल रहे संगठन के दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रस्ताव भी पास किया गया. अध्यक्षता संघ अध्यक्ष साजी नारायण ने की.