एक लैंबॉर्गिनी ने संभवत: एक्सिस म्युचुअल फंड में कथित रूप से एक हजार करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश कर दिया।
यह मामला एक्सिस म्युचुअल फंड से जुड़ा है। म्युचुअल फंड के हेड ट्रेडर और फंड मैनेजर वीरेश जोशी और एक अन्य फंड मैनेजर दीपक अग्रवाल पर फं्रंट रनिंग का आरोप लगा है।
फ्रंट रनिंग का मतलब होता है कि ब्रोकर को पहले से ही स्टॉक के बारे में इनसाइट जानकारी मिली हुई है। भारत में यह अवैध है।
इन दिनों यह बात चर्चा में है कि फ्रंट रनिंग में शामिल फंड मैनेजर लैंबॉर्गिनी में घूमता था और मुम्बई तथा उसके आसपास उसने कई लग्जरी अपार्टमेंट खरीदे थे।
चर्चा में है कि वीरेश जोशी ने इस तरह से 500 करोड़ रुपये बनाये और मुम्बई के आसपास उसके 14 अपार्टमेंट हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि वीरेश जोशी ही स्मॉल और मिडकैप स्टॉक में पैसा लगाता था और उनके निश्चित सीमा पर पहुंचने पर म्युचुअल फंड कंपनी निवेश करती थी।
यह भी चर्चा है कि ये फंड मैनेजर ब्रोकर के पेरोल पर थे और म्युचुअल फंड के हवाले से स्मॉल और मिडकैप स्टॉक में पैसा लगाते थे।
एक्सिस म्युचुअल फंड ने चार मई से फंड मैनेजर्स की जिम्मेदरियों में फेरबदल की है लेकिन इसमें वीरेश जोशी का नाम शामिल नहंीं है। इसी तरह दीपक अग्रवाल का नाम भी नहीं है।
एक्सिस म्युचुअल फंड ने एक्सिस आर्बिट्रेज फंड, एक्सिस बैंकिंग ईटीएफ, एक्सिस कंजप्शन ईटीएफ, एक्सिसस निफ्टी ईटीएफ और एक्सिस टेक्नोलॉजी ईटीएफ में प्रबंधकीय बदलाव किये हैं।
ट्वीटर पर की गई टिप्पणियों से यह लग रहा है कि दोनों फंड मैनेजर बर्खास्त कर दिये गये हैं।
ऐसा भी कहा जा रहा है कि सीईओ चंद्रेश निगम भी पद से हटाये गये हैं क्योंकि उन्होंने इस तरह की घटनाओं की अनदेखी की।
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Source : IANS