जम्मू-कश्मीर सरकार ने जम्मू हवाईअड्डे के विस्तार के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को जमीन हस्तांतरित कर दी है।
राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति 2016 के तहत 974 कैनाल की भूमि को जम्मू दक्षिण तहसील के राख रायपुर में एएआई को मुफ्त में दी गई है।
सरकार ने कहा कि पशुपालन, सिंचाई, पीडब्ल्यूडी जैसे राज्य विभागों को बजटीय सहायता प्रदान की जाएगी या अन्य जगहों पर समान भूमि मूल्य के साथ मुआवजा दिया जाएगा।
इससे पहले भारतीय वायु सेना (जो जम्मू हवाई अड्डे को नियंत्रित करती है) ने एयरमैन (एनओटीएएम) के लिए एक नोटिस जारी किया था, जिससे हवाई अड्डे पर 30 प्रतिशत लोड पेनल्टी हटा दी जाएगी।
इसका मतलब यह है कि अब एयरलाइंस पूरी तरह से उड़ान भर सकती हैं, जिससे किरायों को कम किया जा सकता है और विमान द्वारा लंबी दूरी तय की जा सकती है।
आईएएफ द्वारा एनओटीएएम को दी गई है, क्योंकि वे हवाई अड्डे को नियंत्रित करते हैं। एनओटीएएम में डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (डीजीसीए) और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ समन्वय शामिल था।
इससे जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा के बारे में यात्रियों की धारणा में सुधार होगा।
एक और फायदा जम्मू रनवे का विस्तार और मजबूती है, जो इस क्षेत्र के लिए यातायात और कनेक्टिविटी में सुधार करता है।
एयरमैन (एनओटीएएम) को नोटिस दिया गया है, जिसमें किसी वैमानिकी सुविधा, सेवा, प्रक्रिया या खतरे की स्थापना, स्थिति या परिवर्तन से संबंधित जानकारी होती है, जिसका समय पर ज्ञान उड़ान संचालन से संबंधित कर्मियों के लिए आवश्यक है।
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Source : IANS