New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2022/01/15/international-flight-8965.jpg)
(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
अगरतला के एमबीबी हवाई अड्डे से बैंकॉक, बंगलादेश के शहरों को जोड़ने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होंगी
(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))
अगरतला में महाराजा बीर बिक्रम (एमबीबी) हवाई अड्डे से गुवाहाटी हवाई अड्डे और बंगलादेश के चटगांव तथा ढाका से होते हुए बैंकॉक को जोड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानें जल्द ही शुरू होंगी। भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के अनुसार, त्रिपुरा की राजधानी से 20 किलोमीटर उत्तर में स्थित एमबीबी हवाई अड्डा, गुवाहाटी स्थित लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय (एलजीबीआई) हवाई अड्डे के बाद विमान और यात्रियों के संचालन के मामले में पूर्वोत्तर भारत का दूसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है।
उन्होंने बताया कि इंफाल (मणिपुर) में एलजीबीआई और बीर टिकेंद्रजीत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों को पहले अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे घोषित किया गया था। नागरिक उड्डयन मंत्रालय बैंकॉक और बंगलादेश जाने वाली उड़ानें शुरू करने से पहले जल्द ही एमबीबी हवाई अड्डे को पूर्वोत्तर क्षेत्र में तीसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करेगा।
कोलकाता से 143 यात्रियों के साथ पहली उड़ान के एमबीबी हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन में उतरने के बाद शनिवार को इन यात्रियों को वाटर कैनन की सलामी दी गई। इस टर्मिनल का उद्घाटन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 जनवरी को किया था।
शनिवार को नए टर्मिनल भवन को शुरू किए जाने संबंधी कार्यक्रम में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने भाग लिया।
इस अवसर पर आदिवासी महिला कलाकारों द्वारा एक सांस्कृतिक समारोह और एक प्रसिद्ध होजागिरी आदिवासी लोक नृत्य का प्रदर्शन किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि नए एकीकृत टर्मिनल भवन को व्यस्त समय के दौरान 200 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों सहित 1,500 यात्रियों को संभालने के लिए डिजाइन किया गया है। यह 5,00 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है और 30,000 वर्ग मीटर में फै ला है तथा सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस है।
अधिकारियों ने कहा कि नए टर्मिनल भवन को पूर्वोत्तर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ में से एक माना जाता है और नया एकीकृत टर्मिनल भवन प्रति दिन 5,000 से अधिक यात्रियों के आने जाने की सुिवधा प्रदान करने में सक्षम होगा।
तत्कालीन त्रिपुरा राजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर द्वारा भूमि दान किए जाने के बाद अगरतला हवाई अड्डा, 1942 में बनाया गया था और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रॉयल एयर फोर्स ने तकनीकी आधार के रूप में इसका इस्तेमाल किया था।
अगरतला हवाई अड्डे, जिसे पहले सिंगरबिल हवाई अड्डे के रूप में जाना जाता था, का नाम जुलाई 2018 में महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर के सम्मान में रखा गया था।
त्रिपुरा के परिवहन और पर्यटन मंत्री प्रणजीत सिंघा रॉय ने कहा कि एमबीबी हवाईअड्डा पहले से ही सभी अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं और मानकों के साथ विकसित किया गया था, इसलिए राज्य सरकार केंद्र सरकार से इस हवाई अड्डे से पड़ोसी देशों के लिए उड़ानों का संचालन शुरू करने का आग्रह कर रही है।
इतिहासकार और लेखक पन्नालाल रॉय के अनुसार, त्रिपुरा में अगरतला, कैलाशहर और कई अन्य (अब परित्यक्त) हवाई अड्डों के लिए भूमि तत्कालीन त्रिपुरा राजाओं द्वारा दान में दी गई थी।
त्रिपुरा के शाही इतिहास पर कई किताबें लिखने वाले रॉय ने आईएएनएस को बताया द्वितीय विश्च युद्ध के दौरान
बीर बिक्रम ने मित्र देशों की सेनाओं विशेष रूप से ब्रिटेन का समर्थन और मदद की। उन्होंने ब्रिटेन की सहायता के लिए त्रिपुरा सेना की एक टुकड़ी को तैनात किया। उस समय के दौरान मित्र देशों की सेनाओं की सुविधा के लिए अगरतला, कैलाशहर और अन्य हवाई अड्डों का निर्माण किया गया था।
उन्होंने कहा कि 1943 में जापानी लड़ाकू विमानों ने दो बार अगरतला हवाई अड्डे पर बमबारी की थी।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS