/newsnation/media/post_attachments/images/2017/02/09/30-Vishal-Sikka-as-Chief-Executive-Officer-Managing-Director.jpg)
इंफोसिस के सिईओ विशाल सिक्का (फाइल फोटो)
आईटी कंपनी इंफोसिस में एडमिनिस्ट्रेशन की खामियों को लेकर नाराजगी देखने को मिल रही है। कंपनी के फाउंडर्स एनआर नारायण मूर्ति, क्रिस गोपालकृष्णन और नंदन नीलकेणी ने कंपनी के बोर्ड को पत्र लिखकर इस पर चिंता जताई है।
पत्र में इस बात का जिक्र है कि कंपनी के भीतर कॉरपोरेट गवर्नेंस के मानकों का पालन नहीं हो रहा है। इस पत्र के जरिए कंपनी के सीईओ विशाल सिक्का को मिलने वाले सालाना पैकेज के साथ साथ उनके फैसले को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं।
सीईओ विशाल सिक्का पर लगे आरोप के बाद कंपनी ने उनका बचाव किया और कहा कि ये फैसले कंपनी के हित में लिए गए हैं।
खबरों के अनुसार तीन प्रमोटर्स- एनआर नारायणमूर्ति, कृष गोपालकृष्णन और नंदन नीलेकणी ने कार्यों पर सवाल उठाते हुए कंपनी के बोर्ड को चिट्ठी लिखी थी। दिसंबर 2016 में कंपनी में प्रमोटर्स और उनके परिजनों की शेयर होल्डिंग 12.75% थी।
इसे भी पढ़ेंःइंफोसिस में 9 हज़ार कर्मचारियों की गई नौकरी, ऑटोमेशन के चलते हुई है छंटनी
विशाल सिक्का 1 अगस्त 2014 को सीईओ बने थे। 2015-16 में 74.5 लाख डॉलर (करीब 50 करोड़ रु.) का पैकेज मिला था। अक्टूबर 2016 में उनका कार्यकाल 2021 तक बढ़ा दिया गया। साथ में सालाना पैकेज भी 48% बढ़ाकर 1.1 करोड़ डॉलर (74 करोड़ रु.) कर दिया गया।
इसे भी पढ़ेंः महाराष्ट्र में इंफोसिस के ऑफिस के भीतर महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हत्या, आरोपी गिरफ्तार
सिक्का का यह पे जनवरी 2017 से प्रभावी हुआ है। इसमें 10 लाख डॉलर (6.7 करोड़ रु.) बेसिक सैलरी और 30 लाख डॉलर (20 करोड़ रु.) वैरिएबल पे है। वैरिएबल पे कंपनी के प्रदर्शन से जुड़ा है। बाकी 70 लाख डॉलर स्टॉक ऑप्शन के रूप में हैं।
Source : News Nation Bureau