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खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Growth) ( Photo Credit : फाइल फोटो)
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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने हालांकि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण सीपीआई या खुदरा महंगाई पर करेस्पांडिंग आकड़े नहीं दिए हैं. बड़ी बात यह कि देश के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में गिरावट का रुख दिखा है.
खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Growth) ( Photo Credit : फाइल फोटो)
Coronavirus (Covid-19): भारत का खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Growth) या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index-CPI) जून में 6.09 प्रतिशत रहा है. आधिकारिक आंकड़ों से सोमवार को यह जानकारी सामने आई है. शहरी सीपीआई 5.91 प्रतिशत और ग्रामीण सीपीआई 6.20 प्रतिशत रही है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने हालांकि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण सीपीआई या खुदरा महंगाई पर करेस्पांडिंग आकड़े नहीं दिए हैं. बड़ी बात यह कि देश के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में गिरावट का रुख दिखा है. जून में यह घटकर 7.87 प्रतिशत पर आ गया, जबकि मई में यह 9.20 प्रतिशत था.
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पिछले महीने में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 7.87 प्रतिशत हो गयी
सीएफपीआई की रीडिंग खाद्य उत्पादों के खुदरा मूल्य में बदलाव को मापती है. सरकार के आंकड़े के अनुसार पिछले महीने में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 7.87 प्रतिशत हो गयी. पिछले साल जून महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर 3.18 प्रतिशत थी. आईसीआरए की प्रमुख अर्थशास्त्री, अदिति नायर ने कहा कि तीन महीने के अंतराल बाद सीएसओ द्वारा जारी हेडलाइन सीपीआई महंगाई दर में जून 2020 के लिए महंगाई दर 6.1 प्रतिशत है, जो उम्मीद से अधिक है। यह फुटकर वस्तुओं, वस्त्र और फूटवियर, पान, तंबाकू आदि के कारण है.
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सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि मुद्रास्फीति का आंकड़ा कोरोना वायरस महामारी के कारण पाबंदियों की वजह से सीमित संख्या में बाजारों से एकत्रित आंकड़ों पर आधारित है. बयान के अनुसार हालांकि जो आंकड़े लिये गये हैं, राज्य स्तर पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) का अनुमान सृजित करने के लिये पर्याप्तता मानदंड को पूरा नहीं करते. सरकार ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ के कारण अप्रैल और मई का पूरा सीपीआई आंकड़ा जारी नहीं किया है. (इनपुट एजेंसी)