फरवरी के दौरान महंगाई बढ़ी, थोक महंगाई बढ़कर 4.17 फीसदी हुई
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल फरवरी में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर 4.17 फीसदी रही जबकि पिछले साल फरवरी में थोक महंगाई दर 2.26 फीसदी दर्ज की गई थी.
highlights
- थोक महंगाई दर में इस साल जनवरी के मुकाबले दोगुनी वृद्धि हुई है
- पिछले साल फरवरी में थोक महंगाई दर 2.26 फीसदी दर्ज की गई थी
नई दिल्ली:
देश में थोक महंगाई दर (Wholesale Price Index) बीते महीने फरवरी में बढ़कर 4.17 फीसदी हो गई है. थोक महंगाई दर में इस साल जनवरी के मुकाबले दोगुनी वृद्धि हुई है. खाने-पीने की चीजों के साथ-साथ विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादों के दाम में इजाफा होने से थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल फरवरी में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर 4.17 फीसदी रही जबकि पिछले साल फरवरी में थोक महंगाई दर 2.26 फीसदी दर्ज की गई थी. वहीं, इस साल के आरंभ में जनवरी के दौरान थोक महंगाई दर 2.03 फीसदी दर्ज की गई. देश में थोक महंगाई दर इस साल फरवरी में बढ़कर बीते 27 महीने की ऊंचाई पर चली गई है.
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तेल में तेजी से महंगाई को मिल रहा ईंधन, खाद्य पदार्थों के दाम में नरमी के आसार कम
देश में रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं, चना और सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है और जल्द ही तमाम रबी फसलों की आवक जोर पकड़ने वाली है। मगर, खाने-पीने की चीजों की महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद कम है क्योंकि तेल के दाम में आई तेजी से महंगाई को ईंधन मिल रहा है. वैश्विक बाजार में अनाज और तेल-तिलहन समेत अन्य एग्री कमोडिटी की मांग बढ़ने से इनके दाम में जोरदार तेजी आई है। कच्चे तेल के दाम में जोरदार इजाफा होने से एग्री कमोडिटी की कीमतों की तेजी को सहारा मिल रहा है.
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अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई तेजी के बावजूद तेल विपणन कंपनियों ने हालांकि बीते करीब एक पखवाड़े से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन दोनों ईंधनों के दाम में आगे इजाफा होने की संभावना बनी हुई है. जानकार बताते हैं कि डीजल के दाम में वृद्धि से मालभाड़ा में बढ़ोतरी होने से खाने-पीने की चीजों के दाम में इजाफा हुआ है. गेहूं, चना, मसूर और सरसों समेत अन्य रबी फसलों की आवक मध्यप्रदेश समेत देश के कुछ अन्य प्रांतों में भी शुरू हो चुकी है और अगले महीने तक रबी फसलों की आवक जोर पकड़ लेगी, लेकिन जानकार बताते हैं कि रबी फसलों की आवक बढ़ने पर भी खाने के तेल और दाल के दाम में नरमी की उम्मीद कम है। हालांकि प्याज के दाम में काफी गिरावट आ चुकी है और आलू भी काफी सस्ता हो गया है. (इनपुट आईएएनएस)
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