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Keshub Mahindra Passes Away ( Photo Credit : File)
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महिंद्रा एंड महिंद्रा के एमेरिटस चेयरमैन और देश के सबसे उम्रदराज अरबपति केशब महिंद्रा अब इस दुनिया में नहीं रहे.
Keshub Mahindra Passes Away ( Photo Credit : File)
Keshub Mahindra Death: महिंद्रा एंड महिंद्रा के एमेरिटस चेयरमैन और देश के सबसे उम्रदराज अरबपति केशब महिंद्रा अब इस दुनिया में नहीं रहे. उन्होंने 99 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली. खास बात यह है कि इसी वर्ष अमेरिका की फोर्ब्स मैगजीन ने केशब महिंद्रा को अरबपतियों की सूची में 16वें स्थान पर काबिज किया था. आजादी से पहले चुनिंदा अरबपतियों में शुमार केशब महिंद्रा ने अपनी विजनरी सोच के साथ ना सिर्फ भारतीय उद्योग को बल्कि भारत को दुनिया में अलग पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई. यही वजह है कि केशब महिंद्रा के निधन पर देश के तमाम बड़े उद्योगपतियों ने शोक व्यक्त किया है.
पवन गोयनका ने दी जानकारी
केशब महिंद्रा के निधन की जानकारी खुद INSPACe के प्रेजिडेंट पवन गोयनका ने अपने ट्वीटर हैंडल के जरिए दी. केशब महिंद्रा, आनंद महिंद्रा के चाचा भी लगते हैं. बता दें कि, केशब महिंद्रा का जन्म शिमला के एक इलाके में वर्ष 1923 को हुआ था.
The industrial world has lost one of the tallest personalities today. Shri Keshub Mahindra had no match; the nicest person I had the privilege of knowing. I always looked forward to mtgs with him and inspired by how he connected business, economics and social matters. Om Shanti.
— Pawan K Goenka (@GoenkaPk) April 12, 2023
इतनी थी केशब महिंद्रा की नेटवर्थ
हाल में केशब महिंद्र ने फोर्ब्स की सूची में अपनी दमदार आमद दर्ज कराई थी. फोर्ब्स की सूची में उनकी नेटवर्थ 1.2 बिलियन डॉलर बताई गई थी. जबकि फोर्ब्स ने उन्हें अरबपतियों की लिस्ट में 16वें स्थान पर काबिज किया था.
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केशब महिंद्रा का ऐसा रहा कामकाजी सफर
केशब महिंद्रा ने आजादी के वर्ष यानी 1947 में ही अपने पिता के कारोबार में एंट्री ली थी. शुरुआती दौर में उन्हें उपयोगिता वाहनों के निर्माण और बिक्री पर ध्यान लगाने का काम सौंपा गया था. करीब दो दशक तक इस भूमिका को निभाने के बाद 1963 से 2012 तक उन्होंने महिंद्रा एंड महिंद्रा को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाने में बड़ा रोल निभाया. 1968 में केशब को कंपनी का चेयरमैन नियुक्त किया गया.
इस दौरान उन्होंने मुंबई-सूचीबद्ध समूह के प्रेजिडेंट के तौर पर भी काम किया. 2012 में केशब महिंद्रा ने कंपनी से रिटायरमेंट का फैसला लिया और सारा कार्यभार आनंद महिंद्रा के कंधों पर सौंप दिया गया.
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