इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च का कहना है कि देश के तेलशोधक संयंत्रों का लाभ खुदरा कीमतों में तेजी पर निर्भर है लेकिन देश में नवंबर 2021 से ही पेट्रोल और डीजल के दाम तेल विपणन कंपनियों ने नहीं बढ़ाये हैं।
इंडिया रेटिंग्स के अनुसार, तेल की खुदरा कीमत में रहा यह टिकाव जल्द ही खत्म हो सकता है क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में रही बढ़ोतरी से रिफाइनरी आधारित अधिकतर उत्पादों की कीमत चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में अधिक रही है।
फिलहाल बेंट्र क्रूड ऑयल की कीमत 91 डॉलर प्रति बैरल है।
इंडियन रेटिंग्स के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में भारतीय तेल शोधक कारखानों की सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीएमआर) 9.4 डॉलर प्रति बैरल रहा है। तेल शोधक कारखानों के सभी उत्पादों के बाजार मूल्य से जब कच्चे तेल की लागत को घटाया जाता है, तो उसे उस कारखाने का जीएमआर कहते हैं।
एजेंसी के मुताबिक परिवहन गतिविधियां बढ़ने से, एलएनजी की कीमतों में रही तेजी के कारण गैस के बजाय तेल के अधिक इस्तेमाल से, विमानों की आवाजाही बढ़ने से और ठंड के मौसम में हिटिंग अधिक होने से वैश्विक स्तर पर पेट्रोलियम उत्पाद की मांग में तेजी आयी है।
एजेंसी ने कहा कि सितंबर 2021 में पेट्रोलियम उत्पादों की घरेलू बाजार में खपत 15.9 मिलियन टन थी, जो दिसंबर 2021 में बढ़कर 18.4 मिलियन टन हो गयी। घरेलू खपत कोरोना महामारी से पूर्व के स्तर पर पहुंच गयी है। दिसंबर 2019 में घरेलू खपत 18.8 मिलियन टन रही थी। खपत में आयी तेजी को देखते हुए तेल शोधक कारखानों ने भी आपूर्ति में तेजी लायी है।
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Source : IANS