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उत्तर रेलवे 60 मिलियन टन लदान क्लब में हुआ शामिल, मालभाड़ा से आय हुई 7891 करोड़ रुपये

उत्तर रेलवे 60 मिलियन टन लदान क्लब में हुआ शामिल, मालभाड़ा से आय हुई 7891 करोड़ रुपये

Updated on: 23 Feb 2022, 10:15 PM

नई दिल्ली:

उत्तर रेलवे प्रारंभिक लदान में 18 फीसदी की वृद्धि हासिल की है। इस साल उत्तर रेलवे की मालभाड़ा आय 7891 करोड़ रुपये हो गई है।

व्यापार और उद्योग जगत के साथ सतत संपर्क और सार्थक संवादों के परिणाम स्वरूप, उत्तर रेलवे इस वित्तीय वर्ष में अपनी पिछली उपलब्धियों से बहुत आगे बढ़ गया है। इस साल उत्तर रेलवे 60 मिलियन टन से ज्यादा प्रारंभिक लदान क्लब में शामिल हो गया है, जबकि इस वित्तीय वर्ष के तकरीबन 38 दिन अभी शेष हैं।

उत्तर रेलवे वित्तीय वर्ष 2019-2020 से 2020-2021 के मुकाबले इस बार प्रारंभिक लदान लगभग 18 फीसदी की वृद्धि हासिल करने की उम्मीद कर रहा है। उत्तर रेलवे ने वर्ष 2021-2022 में अपने मालभाड़ा को भी बेहतर बनाए रखा है, जिससे इस वित्तीय वर्ष में भी भारतीय रेलवे के लदान में वृद्धि हुई है। अम्बाला-मुरादाबाद-आलमनगर-पण्डित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर मालभाड़ा में उल्लेखनीय वृद्धि देखने में मिली है, जिससे पूर्व-मध्य रेलवे पर कोयला लदान के लिए खाली बॉक्स-एन वैगन मिलने में मदद मिली है। इस वित्तीय पक्ष में भी पिछले सभी रिकॉडरें को पार किया गया है। मूल मालभाड़ा आय पिछले वर्ष माह जनवरी अंत तक 7045 करोड़ रुपये से बढ़कर 7891 करोड़ रुपये हो गयी। रेलवे बोर्ड द्वारा दिए गए 9500 करोड़ रुपये के निर्धारित लक्ष्य को उत्तर रेलवे पूरा करने की दिशा में अग्रसर है। उत्तर रेलवे पीस मील लदान की सेवा प्रदान कर छोटे उपयोगकर्ताओं को सुविधा प्रदान करने में सफल रही है और इस लदान को व्यापार माला और संचय माला रेलगाड़ियों के द्वारा शीघ्रता से लाना-ले जाना सुनिश्चित कर रही है। उत्तर रेलवे कागज, गुड, साबुन, फिटकरी, एफएमसीजी मदों जैसे नए माल का रेलगाड़ियों के माध्यम से कम कीमत पर रिकॉर्ड समय में परिवहन कर रही है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.