पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय देश की आर्थिक विकास 10% से ज्यादा रही, रिपोर्ट में हुआ खुलासा
पुरानी श्रंखला 2004-05 के तहत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर स्थिर मूल्य पर 2006-07 में 9.57 प्रतिशत रही। उस समय मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे।
नई दिल्ली:
पूर्व प्रधामंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में देश की आर्थिक वृद्धि दर का आंकड़ा साल 2006-07 में 10.08 प्रतिशत रहा था जो कि उदारीकरण का शुरू होने के बाद का सर्वाधिक वृद्धि का आंकड़ा है। आधिकारीक आंकड़ों में इस बात की जानकारी दी गई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग द्वारा गठित 'कमेटी आफ रीयल सेक्टर स्टैटिक्स' ने पिछली श्रृंखला (2004-05) के आधार पर जीडीपी आंकड़ा तैयार किया गया है। भारत की आजादी के बाद देखा जाए तो सर्वाधिक आर्थिक वृद्धि दर 10.2 प्रतिशत साल 1988-89 में रही है। बता दें कि उस समय पीएम के राजीव गांधी थे।
यह रिपोर्ट सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी की गई है। रिपोर्ट में पुरानी श्रृंखला(2004-05) और नई श्रृंखला 2011-12 की कीमतों पर आधारित वृद्धि दर की तुलना की गई है।
पुरानी श्रंखला 2004-05 के तहत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर स्थिर मूल्य पर 2006-07 में 9.57 प्रतिशत रही। उस समय मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। नई श्रृंखला (2011-12) के तहत यह वृद्धि दर संशोधित होकर 10.08 प्रतिशत रहने की बात कही गई है।
रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने लिखा, 'जीडीपी श्रृंखला पर आधारित आंकड़ा आखिर आ ही गया। ये साबित करता है कि संप्रग शासन के दौरान (औसतन 8.1 प्रतिशत) की वृद्धि दर मोदी सरकार का कार्यकाल की औसत वृद्धि दर (7.5%) से अधिक रही।'
The GDP backseries data is finally out.
— Congress (@INCIndia) August 17, 2018
It proves that like-for-like, the economy under BOTH UPA terms (10 year avg: 8.1%) outperformed the Modi Govt (Avg 7.3%) .
The UPA also delivered the ONLY instance of double digit annual growth in modern Indian history. pic.twitter.com/33Qt9x8YZS
कंग्रेस पार्टी ने कहा, 'संप्रग सरकार के शासन में ही वृद्धि दर दहाई अंक में रही जो आधुनिक भारत के इतिहास में एकमात्र उदाहरण है।' रिपोर्ट के अनुसार बाद के वर्षों के लिये भी जीडीपी आंकड़ा संशोधित कर ऊपर गया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग ने इन आंकड़ों के संग्रह, मिलान और प्रसार के लिये प्रणाली और प्रक्रियाओं को मजबूत करने हेतु उपयुक्त उपायों का सुझाव देने के लिये समिति का गठन किया था।
और पढ़ें: 1991 के आर्थिक सुधारों ने भारत को बनाया वैश्विक अर्थव्यवस्था का लीडर: पूर्व पीएम मनमोहन सिंह
साल 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की अगुवाई सें शुरू आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत के बाद यह देश की सबसे ज्यादा वृद्धि दर है।
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