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Coronavirus (Covid-19): चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट की आशंका, कुमार मंगलम बिड़ला का बड़ा बयान

Coronavirus (Covid-19): कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा है कि कोविड-19 और उसके साथ लगाये लॉकडाउन ने समाज और अर्थव्यवस्था के समक्ष सदी में एक बार आने वाला संकट खड़ा किया है.

Updated on: 17 Aug 2020, 11:36 AM

नई दिल्ली:

Coronavirus (Covid-19): हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (Hindalco Industries) के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला (Kumar Mangalam Birla) ने कहा है कि कोविड-19 (Coronavirus Epidemic) और उसके साथ लगाये लॉकडाउन ने समाज और अर्थव्यवस्था के समक्ष सदी में एक बार आने वाला संकट खड़ा किया है और इसकी वजह से 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का आकार कम होगा. शेयरधारकों को लिखे पत्र में बिड़ला ने कहा कि भारत में कोविड-19 ऐसे समय आया है जबकि वैश्विक अनिश्चितता तथा घरेलू वित्तीय प्रणाली पर दबाव की वजह से आर्थिक परिस्थितियां पहले से सुस्त थीं.

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लॉकडाउन के दौरान रेड और ऑरेंज क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां सबसे ज्यादा प्रभावित
बिड़ला ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार देश का 80 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद उन जिलों से आता है जिन्हें लॉकडाउन के दौरान रेड और ऑरेंज क्षेत्रों के रूप में वगीकृत किया गया. इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित रहीं. ऐसे में चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में गिरावट आएगी और ऐसा चार दशकों में पहली बार होगा. उन्होंने कहा कि इस समय अनिश्चिता की जो ‘धुंध’ है उसमें कोई अनुमान लगाना कठिन है. इस महामारी पर अंकुश के लिए 2019-20 के आखिरी सप्ताह में राष्ट्रव्यापी बंद लगाया गया, जो विभिन्न इलाकों में 2020-21 की पहली तिमाही में अलग अलग स्तरों पर जारी रहा.

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उन्होंने कहा कि एक वास्तविकता को लेकर कोई संदेह नहीं है कि बेहतर नेतृत्व, ठोस कारोबारी बुनियाद और अच्छी पृष्ठभूमि वाली कंपनियां इस चुनौतीपूर्ण समय में ‘चैंपियन’ के रूप में उभरेंगी. उन्होंने कहा कि हम अर्थव्यवस्था में गिरावट को देखेंगे, लेकिन 2020 की मंदी पूर्व में पैदा हुई ऐसी स्थितियों से भिन्न होगी. बिड़ला ने कहा कि यह बिल्कुल अचानक आई और इसका प्रसार ऐसा हुआ है कि प्रत्येक अर्थव्यवस्था और क्षेत्र इससे प्रभावित हुआ है. आर्थिक गतिविधियों और रोजगार में गिरावट व्यापक रही है. उन्होंने कहा कि इसका सकारात्मक पहलू यह है कि यदि महामारी का दूसरा दौर शुरू नहीं होता है, तो यह मंदी सबसे कम अवधि के लिए होगी. दुनियाभर में मौजूदा लॉकडाउन को हटाया जा रहा है, कारोबार शुरू हो गया है। ऐसे में आर्थिक गतिविधियां काफी तेजी से पटरी पर आएंगी.