भारी आर्थिक मंदी के बीच भारत को लेकर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने जताया ये राहत भरा अनुमान

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ द्वारा मंगलवार को जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में उम्मीद जाहिर की गई है कि भारत अगले वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ वापसी करेगा.

author-image
Dhirendra Kumar
New Update
International Monetary Fund IMF

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF)( Photo Credit : फाइल फोटो)

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) ने अनुमान जाहिर किया है कि भारत इस साल कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus-Covid-19) के कारण मंदी के बीच फंसी दुनिया में सबसे तेज वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनेगा. आईएमएफ ने हालांकि भारत की विकास दर घटाकर 1.9 प्रतिशत कर दिया है. आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ द्वारा मंगलवार को जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य (डब्ल्यूईओ) रिपोर्ट में उम्मीद जाहिर की गई है कि भारत अगले वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ वापसी करेगा, जो जनवरी अपडेट में अनुमानित दर से अधिक है.

Advertisment

यह भी पढ़ें: बार्कलेज का दावा, लॉकडाउन की अवधि बढ़ने से अर्थव्यवस्था को 234.4 अरब डॉलर का होगा नुकसान

इस साल तीन प्रतिशत तक सिकुड़ जाएगी वैश्विक अर्थव्यवस्था
डब्ल्यूईओ ने दुनिया की एक धुंधली तस्वीर पेश की है और कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था इस साल तीन प्रतिशत तक सिकुड़ जाएगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बात की पूरी आशंका है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था ग्रेट डिप्रेशन के बाद की सबसे बुरी मंदी का सामना करेगी. यह मंदी एक दशक पहले वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान की देखी गई मंदी से भी बुरी होगी. महा लॉकडाउन ने वैश्विक वृद्धि दर को सिकुड़ने का आधार तैयार किया है. रिपोर्ट में एक चेतावनी भी है कि वैश्विक वृद्धि अनुमान को लेकर भारी अनिश्चितता है. आर्थिक गिरावट कारकों पर निर्भर करती है, लेकिन ये कारक इस तरह उलझे हुए हैं कि अनुमान लगा पाना कठिन है.

यह भी पढ़ें: यस बैंक संकट की वजह से दूसरे निजी बैंकों को लग सकता है ये बड़ा झटका, आपकी जेब पर भी पड़ेगा असर

अमेरिकी अर्थव्यवस्था 5.9 प्रतिशत तक सिकुड़ेगी
भारत और चीन 1.2 प्रतिशत अनुमानित वृद्धि दर के साथ डब्ल्यूईओ के वृद्धि अनुमान चार्ट पर मौजूद गिरावटों की भीड़ में अपनी वृद्धि के साथ खड़े हैं. गिरावट का खामियाजा विकसित अर्थव्यवस्थओं को भुगतना होगा और उनके 6.9 प्रतिशत तक सिकुड़ने का अनुमान जाहिर किया गया है. डब्ल्यूईओ के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था 5.9 प्रतिशत तक सिकुड़ेगी और यूरोपीय क्षेत्र की अर्थव्यवस्था 7.5 प्रतिशत तक सिकुड़ सकती है. रिपोर्ट में भारत के पिछले वित्त वर्ष की वृद्धि दर को घटाकर 4.2 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि पिछले अक्टूबर के डब्ल्यूईओ में इसे 6.1 प्रतिशत अनुमानित किया गया था और जनवरी के अपडेट में 4.8 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया था.

यह भी पढ़ें: Coronavirus (Covid-19): सिर्फ आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों का निजी लैब में हो सकता है मुफ्त में कोरोना टेस्ट

अक्टूबर में डब्ल्यूईओ ने उम्मीद जाहिर की थी कि भारत की अर्थव्यवस्था मौजूदा वित्त वर्ष में सात प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगी, जबकि जनवरी में इसने इस अनुमान को घटाकर 5.8 प्रतिशत कर दिया था. डब्ल्यूईओ आईएमएफ की फ्लैगशिप रिपोर्ट है और इसे संस्था की स्प्रिंग एंड फाल बैठक में रिलीज किया गया है. स्प्रिंग यानी बसंत बैठक इस साल एक वर्चुअल मोड में आयोजित की गई है, क्योंकि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य हो गया है, और यात्रा पर प्रतिबंध लागू हैं. आईएमएफ ने डब्ल्यूईओ का सिर्फ पहला अध्याय जारी किया है और कहा है कि पूरी रिपोर्ट अगले महीने उपलब्ध होगी.

International Monetary Fund covid-19 economic recession IMF Indian economy Global Economy corona-virus coronavirus
      
Advertisment