आईटी प्रोफेशनल्स के हितों की रक्षा की योजना के तह्त सरकार ने तैयारियां शुरु कर दी है। इसके लिए भारत वर्ल्ड ट्रेड ऑरग्नाइज़ेशन में जाने के लिए योजना बनाना शुरु कर दी है। इसके लिए सरकार ने कॉसेप्ट नोट भी तैयार कर लिया है।
इसके तह्त भारत WTO के देशों से बढ़ते संरक्षणवाद से निपटने के लिए अपने आईटी प्रोफेशनलों को दूसरे देशों में भी काम करने की इजाजत का प्रस्ताव रखेगा। साथ ही इस मीटिंग में भारत सरकार मल्टीपल वीज़ा की भी मांग रखेगी।
जिससे आईटी सर्विसेज़ को कई देशों में पहुंचाने का रास्ता तैयार किया जा सके। वहीं, भारत ने कई ऐसे देशों को कंपनियों पर निर्भर रहने की भी सलाह दी है, जो अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के मानकों के आधार पर कर्मचारियों की भर्ती कर रही है।
यह बातें भारत सरकार ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन को 23 फरवरी को सौंपे अपने ड्राफ्ट में भी कही थी। सरकार ने अक्टूबर में ही इस पर कॉन्सेप्ट नोट तैयार कर लिया था और इसके नवंबर में इस पर विस्तृत पेपर तैयार किया गया है।
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इस पेपर को भारत सरकार 14 से 17 मार्च के दौरान जेनेवा में होने वाली बैठक में पेश करेगी। इस पेपर को विश्व व्यापार संगठन के सभी सदस्य देशों के बीच चर्चा के लिए पेश किया जाएगा।
ध्यान देने वाली बात यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में संरक्षणवादी कदम उठाने के ऐलान के बाद भारतीय आईटी इंडस्ट्री सकते में आ गई थी। इस ऐलान के बाद भारतीय आईटी कंपनियों के शेयरों में भी ज़बरदस्त गिरावट आई थी।
माना जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के संरक्षणवादी कदम का असर भारत के अरबों डॉलर के आईटी सेक्टर को होगा जिससे काफी नुकसान का सामना करना पड़ा सकता है। ऐसे में भारत सरकार अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रही है और इस प्रस्ताव में सरकार ने विदेशों में काम करने वाले प्रोफेशनल्स को सोशल सिक्यॉरिटी के लिए योगदान करने की भी बात कही है।
वहीं, प्रस्ताव में इंश्योरेंस में मुनाफा बढ़ाने और मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए वीजा की तेज प्रक्रिया की भी सिफारिश की गई है।
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Source : News Nation Bureau