New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2019/07/04/economy-75.jpg)
फाइल फोटो
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
फाइल फोटो
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यम ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को अगले पांच के दौरान आठ फीसदी आर्थिक विकास दर की दरकार है. उन्होंने कहा कि इसी के मद्देजनर आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 में प्रमुख संचालक के रूप में निवेश पर जोर दिया गया है. इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए निवेश एकमात्र औजार है, इसलिए मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) ने सरकार और निजी क्षेत्र को दो विकल्प प्रदान किया है.
यह भी पढ़ेंः पहली बारिश में ही खुल गई गुरुग्राम का ड्रेनेज सिस्टम की पोल, देखें वीडियो
कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यम ने कहा, "हमारा ध्यान ऐसा मॉडल पेश करने की कोशिश पर केंद्रित है, जिससे लगातार आठ फीसदी आर्थिक विकास दर हासिल हो." उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों के लिए यह अवसर है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पूंजी लागत धीरे-धीरे घट रही है और तरलता में काफी ज्यादा है. संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किए जाने के बाद सुब्रमण्यम मीडिया से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा, "इसलिए निजी कंपनियों और सरकार के लिए विदेशों से धन जुटाने का अवसर है. हम विदेशी निवेश को भी आने की अनुमति दे सकते हैं."
यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान सरकार 8 नवंबर को खोल देगी करतारपुर कॉरिडोर: डॉ. रूप सिंह
उन्होंने कहा, "आठ फीसदी आर्थिक विकास दर हासिल करने के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के फीसदी के रूप में निवेश 30 फीसदी से अधिक होना चाहिए. चीन में यह 50 फीसदी से ऊपर चला गया है. हमें 35 फीसदी के आसपास निवेश करने की जरूरत है. उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए बताया कि मौजूदा दर 29.6 फीसदी है." प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल भी इस मौके पर मौजूद थे जिन्होंने निवेश को अहम बताया.
यह भी पढ़ेंः VIDEO: 'चहल टीवी' पर क्या आपने टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का यह इंटरव्यू देखा
उन्होंने कहा, "सवाल है कि हम निवेश का सृजन कैसे करें. एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) महत्व रखता है, बचत आर्थिक विकास का मुख्य संचालक है." सीईए ने कहा, "हम अच्छी दर (आर्थिक विकास दर) के साथ विकास कर रहे हैं, लेकिन हमें लगातार आठ फीसदी विकास दर हासिल करने के लिए गियर बदलना होगा. यही रणनीतिक विकास दर है. हम अर्थव्यवस्था को बेहतर मार्ग पर लाकर आर्थिक विकास दर हासिल करना चाहते हैं, जिसमें निवेश उस चक्र का प्रमुख संचालक होगा."
यह भी पढ़ेंः Economic Survey 2019: आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर क्या है जानकारों की राय, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
उन्होंने कहा, "दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत का उज्ज्वल स्थान रहा है जहां दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले इसकी आर्थिक विकास दर अधिक रही है. पिछले पांच साल के दौरान विकास का फायदा मिला है और समष्टिगत आर्थिक स्थिरता हासिल हुई है. देश में न सिर्फ ऊंची विकास दर रही है बल्कि राजकोषीय घाटा भी एफआरबीएम (राजकोषीय जिम्मेदारी व बजट प्रबंधन) अधिनियम के उठाव मार्ग के अधीन रहा है." इससे पहले उन्होंने कहा कि 2019-20 में आर्थिक विकास दर सात फीसदी रहने की उम्मीद है.