भारत में पावर डाटा की पारदर्शिता में तेजी से सुधार हुआ है: रिपोर्ट

भारत में पावर डाटा की पारदर्शिता में तेजी से सुधार हुआ है: रिपोर्ट

भारत में पावर डाटा की पारदर्शिता में तेजी से सुधार हुआ है: रिपोर्ट

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

भारत ने पावर डाटा की पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में अच्छी प्रगति की है। इस मामले में उसका स्कोर चीन और जापान जैसे विकसित देशों से बेहतर है। वहीं, दूसरी तरफ एशिया के 39 देश में से आधे, जिनमें 68.4 करोड़ लोग रहते हैं, में पावर डाटा कम या अपर्याप्त हैं।

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वैश्विक ऊर्जा थिंक टैंक एंबर और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था सुबक की गुरुवार को जारी संयुक्त रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।

शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि खराब डेटा पारदर्शिता एशिया में स्वच्छ ऊर्जा की तरफ बढ़ने की गति को धीमा कर रही है। वैश्विक कोयला उत्पादन का 80 प्रतिशत इसी महादेश में होता हिस्सा है।

यह अपनी तरह की पहली रिपोर्ट है जो एशिया प्रशांत और मध्य एशिया सहित एशिया में बिजली क्षेत्र के डेटा की उपलब्धता की व्यापक क्षेत्रीय तस्वीर प्रस्तुत करती है।

अनुसंधान ने पूरे क्षेत्र में 74 आधिकारिक डेटा स्रोतों के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है।

भारत, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने उच्चतम स्कोर किया। उच्च बिजली की मांग वाले कई देशों में सुधार की आवश्यकता महसूस की गई। एशिया और वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा बिजली उपभोक्ता होने के बावजूद, विस्तृत डेटा की कमी और असंगत रिपोटिर्ंग के कारण चीन को केवल स्वीकार्य रेटिंग दी गई है।

आसियान देशों ने आमतौर पर डेटा पारदर्शिता के लिए अपर्याप्त या खराब स्कोर किया, जबकि थाईलैंड और फिलीपींस ने अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया।

विशेष रूप से, तीन निम्न-मध्यम आय वाले देश (भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका) डेटा पारदर्शिता में सुधार के लिए प्रयास कर रहे हैं और उनका स्कोर चीन तथा जापान जैसे उच्च-आय वाले देशों की तुलना में अधिक है।

रिपोर्ट के लेखकों का तर्क है कि वे अच्छा काम कर रहे हैं जिन्हें कहीं और दोहराया जा सकता है।

लेखकों का निष्कर्ष है कि एशिया में डेटा पारदर्शिता में सुधार की आवश्यकता है, जो खुले डेटा मानकों और दिशा-निदेशरें का पालन करके किया जा सकता है जिसके लिए अपेक्षाकृत कम तकनीकी या वित्तीय क्षमताओं की आवश्यकता होती है।

वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र के उत्सर्जन में एशिया का हिस्सा 62 प्रतिशत है। चूंकि इसकी बिजली की मांग दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में दोगुनी तेजी से बढ़ रही है, वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री तक सीमित करने के लिए इस क्षेत्र में बिजली क्षेत्र को कार्बन मुक्त करना महत्वपूर्ण है।

एम्बर के एशिया डेटा विश्लेषक, यूनी ली ने कहा: डेटा पारदर्शिता समाज में विभिन्न हितधारकों को बिजली ग्रिड को कार्बन मुक्त करने के लिए मार्ग बनाने में भाग लेने में सक्षम बनाती है। मुझे उम्मीद है कि डेटा पारदर्शिता की स्थिति का खुलासा करने की आवश्यकता के बारे में एक क्षेत्रीय और राष्ट्रीय बातचीत शुरू हो सकती है ताकि बिजली क्षेत्र का डेटा सभी के लिए मुफ्त उपलब्ध कराया जा सके।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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