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वित्तीय घाटे में धीमी गति से कमी आने का संकेत देने वाला रहा यह बजट : फिच

वित्तीय घाटे में धीमी गति से कमी आने का संकेत देने वाला रहा यह बजट : फिच

Updated on: 07 Feb 2022, 09:45 PM

नयी दिल्ली:

रेटिंग एजेंसी फिच ने सोमवार को कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा एक फरवरी को पेश किया गया केंद्रीय बजट वित्तीय घाटे में धीमी गति से कमी आने का संकेत देता है।

फिच रेटिंग्स ने साथ ही भारत की सॉवरेन रेटिंग में कोई परिवर्तन न करते हुए इसे नकारात्मक परिदृश्य के साथ बीबीबी पर बरकरार रखा है।

केंद्र सरकार की योजना वित्तीय घाटे को वित्त वर्ष 26 तक कम करके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.5 प्रतिशत करने की है। बजट में सरकार ने वित्त वर्ष 22 के वित्तीय घाटे के लक्ष्य के अनुमान को घटाकर जीडीपी के 6.9 प्रतिशत कर दिया है। वित्त वर्ष 23 के वित्तीय घाटे को जीडीपी के 6.4 प्रतिशत रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

फिच रेटिंग्स के अनुसार, वित्तीय घाटे में तेजी और बजट में वित्तीय घाटा कम करने के मध्य अवधि की योजनाओं की अस्पष्टता से रिण और जीडीपी के अनुपात में गिरावट से संबंधित फिच रेटिंग के अनुमान से जुड़ा जोखिम बढ़ गया है। फिच रेटिंग ने कहा कि योजनाबद्ध उच्च पूंजीगत व्यय जीडीपी में बढ़ोतरी को समर्थन देता है और इन जोखिमों को कम करना सॉवरिन रेटिंग के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है।

फिच रेटिंग ने नवंबर 2021 की भारत की सॉवरिन रेटिंग बीबीबी को बरकरार रखते हुए कहा कि रिण बढोतरी की सततता से जुड़े जोखिम के कारण ही हमने भारत के नकारात्मक परिदृश्य को बरकरार रखने का निर्णय लिया है।

फिच के मुताबिक उसने जब रेटिंग की पुष्टि की थी, उस वक्त के पूर्वानुमान से वित्तीय घाटे का लक्ष्य अधिक है। बजट में वित्त वर्ष 22 का संशोधित वित्तीय घाटा जीडीपी का 6.9 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि फिच ने इसके 6.6 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान किया था।

फिच ने कहा कि उसने जून 2020 में भारत की सॉवरेन रेटिंग को स्थिर से नकारात्मक में परिवर्तित किया था। फिच ने कोरोना महामारी का राजकोष पर पड़ने वाले प्रभाव का पूर्वानुमान करते हुए रेटिंग में बदलाव किया था।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.