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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को आंकड़े पेश कर बताया कि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद भारत का वित्तीय वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में चालू खाता घाटा दोगुना हो गया है।
भारत की जुलाई-सितंबर का चालू खाता घाटा एक साल पहले की तुलना में दोगुना हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को आंकड़े पेश कर बताया कि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद भारत का वित्तीय वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में चालू खाता घाटा दोगुना हो गया है।
जुलाई-सितंबर में सकल घरेलू उत्पाद का सीएडी 1.2 फीसदी (7.2 अरब डॉलर) बढ़ गया है। यह एक साल पहले की समान अवधि में 0.6 प्रतिशत या 3.4 अरब डॉलर से अधिक था।
इस बीच, व्यापार घाटा पिछले तिमाही में बढ़कर 32.8 अरब डॉलर हो गया था जो कि एक साल पहले 25.6 अरब डॉलर था।
आरबीआई ने कहा, 'वर्ष-दर-वर्ष आधार पर सीएडी के बढ़ने का मुख्य कारण मुख्य रूप से निर्यात के मुकाबले व्यापारिक वस्तुओं के आयात में भारी बढ़ोतरी के कारण बढ़ा व्यापार घाटा था।'
विश्लेषकों का अनुमान है कि चालू खाता घाटे के और बढ़ने से मार्च में खत्म होने वाले वित्त वर्ष 2017-18 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के करीब 2.0% होने की संभावना है, जानकारों का मानना है कि तेल और अन्य वैश्विक कमोडिटी की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जबकि निर्यात स्थिर बना हुआ है।
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Source : News Nation Bureau