इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी क्षेत्र में भारत और रुस करेंगे 1 अरब डॉलर का निवेश

भारत और रुस मिलकर इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी क्षेत्र में मिलकर एक अरब डॉलर का निवेश करेंगे। उद्योग और वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी जानकारी दी है।

भारत और रुस मिलकर इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी क्षेत्र में मिलकर एक अरब डॉलर का निवेश करेंगे। उद्योग और वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी जानकारी दी है।

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Shivani Bansal
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इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी क्षेत्र में भारत और रुस करेंगे 1 अरब डॉलर का निवेश

निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)

भारत और रुस मिलकर इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी क्षेत्र में मिलकर एक अरब डॉलर का निवेश करेंगे। उद्योग और वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी जानकारी दी है। इस निवेश के लिए दोनों देश मिलकर 50 करोड़ डॉलर का सहयोग करेंगे।

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निवेश के लिए रुस रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड यानि आरडीआई एफ के ज़रिए करेगा जबकि भारत नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के ज़रिए निवेश करेगा। उन्होंने बताया कि आपसी भागीदारी के ज़रिए रूस और भारत अपनी आर्थिक क्रियाओं को गति देने की दिशा में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेंगे।

इन गतिविधियों के तह्त भारत रुस सीईओ फोरम एक बैठक आयोजित करेगा। फिलहाल रुस का भारत में 1.2 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है, जबकि भारत का रुस में 4.9 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है।

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, 'इस तरह के निवेश में काफी संभावनाएं है।' उन्होंने कहा कि ऐसी योजनाओं के ज़रिए मेक इन इंडिया कार्यक्रमों के तह्त रुस भारत में कई क्षेत्रों मसलन रक्षा उत्पादों में निवेश संभव होगा।

उन्होंने कहा कि, 'मेक इन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में विदेशी निवेश आकर्षित करने और देश की जनता को अन्य नौकरियों के मौके प्रदान करने के मकसद से की थी। यह एक नए इनोवेशन को बढ़ाने, कौशल विकास बढ़ाने, अपनी बौद्धिक संपत्ति को बचाने और बेहतरीन मैन्युफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने के लिए एक बड़ा अभियान है।'

भारत और रुस एनर्जी सेक्टर समेत सिविल न्यूक्लियर एनर्जी हाइड्रोकार्बन्स और रिन्युएबल एनर्जी में सहयोग के लिए एकजुट है।

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Source : News Nation Bureau

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