New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2018/10/15/27-inflationg-5-95.jpg)
थोक महंगाई दर बढ़ी (फोटो कोलाज)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
थोक महंगाई दर बढ़ी (फोटो कोलाज)
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति दर सितंबर में बढ़कर 5.13 फीसदी हो गई है, जिसमें खाने-पीने के सामान और प्राथमिक वस्तुओं के दाम में आई तेजी का मुख्य योगदान है. सोमवार को जारी हुए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में थोक महंगाई दर 4.53 फीसदी थी. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर थोक महंगाई दर 2017 के सितंबर में 3.14 फीसदी थी.
मंत्रालय ने कहा, 'मासिक डब्ल्यूपीआई पर आधारित सितंबर की महंगाई दर 5.13 फीसदी (अनंतिम) रही जबकि अगस्त में यह 4.53 फीसदी थी पिछले साल सितंबर में यह 3.14 फीसदी पर थी.'
बयान में कहा गया, 'चालू वित्त वर्ष में अब तक की मुद्रास्फीति दर 3.87 फीसदी रही है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 1.50 फीसदी थी.'
क्रमिक आधार पर, प्राथमिक वस्तुओं का मूल्य 2.97 फीसदी बढ़ा है, जबकि अगस्त में इसमें 0.15 फीसदी की कमी आई थी. प्राथमिक वस्तुओं का थोक मूल्य सूचकांक में भार 22.62 फीसदी है.
इसी प्रकार से समीक्षाधीन माह में खाने पीने की वस्तुओं की कीमतें बढ़ी है. इस श्रेणी का सूचकांक में भार 15.26 फीसदी है. ईंधन और बिजली का सूचकांक में भार 13.15 फीसदी है, जिसमें 17.73 फीसदी की तेजी रही.
इसके विपरीत सब्जियों की कीमतों में सितंबर में 39.41 फीसदी की तेजी आई, जबकि एक साल पहले के समान माह में इसमें 41.05 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी.
प्रोटीन आधारित खाद्य पदार्थो जैसे अंडे, मांस और मछली की कीमतों में मामूली 0.83 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. डीजल की कीमतों में साल-दर-साल आधार पर 11.88 फीसदी की तेजी दर्ज की गई, जबकि पेट्रोल की कीमतों में 10.41 फीसदी और एलपीजी कीमतों में 17.04 फीसदी की तेजी आई.
इसे भी पढ़ेंः निर्यात 2.15 फीसदी गिरा, व्यापार घाटा 5 महीने के न्यूनतम स्तर पर
आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, 'सितंबर की डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति से नकारात्मक संकेत मिला है, जो हमारे अनुमान से 30 आधार अंक अधिक है. हालांकि कच्चे तेल के उपसूचकांक में सुधार से आगे इसमें थोड़ा बदलाव होगा, जो शुरुआती 5.1 फीसदी से अधिक है.'
इंडिया रेटिग एंड रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री और वरिष्ठ निदेशक (पब्लिक फाइनेंस) देवेंद्र कुमार पंत के मुताबिक, 'प्रमुख मंडियों में खरीफ फसलों की कीमतें एमएसपी से कम है, इसका मतलब है कि खरीद ने रफ्तार नहीं पकड़ी है.
आगे की मुद्रास्फीति मंडी की कीमतों पर आधारित होगी, जो कि नई एमएसपी के हिसाब से होगी. साथ ही कच्चे तेल की कीमतों और रुपये की विनिमय दर का मुद्रास्फीति पर असर होगा.'
Source : IANS