In-Flight Connectivity : विमानों में Mobile के इस्‍तेमाल की इजाजत जल्‍द

संचार मंत्रालय इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी (In flight connectivity) नियमों के लिए कानून मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार कर रहा है.

संचार मंत्रालय इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी (In flight connectivity) नियमों के लिए कानून मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार कर रहा है.

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vinay mishra
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In-Flight Connectivity : विमानों में Mobile के इस्‍तेमाल की इजाजत जल्‍द

In flight connectivity (फाइल फोटो)( Photo Credit : File Photo)

In-Flight Connectivity : संचार मंत्रालय इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी (In flight connectivity) नियमों के लिए कानून मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार कर रहा है और इसके मिलते ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने बुधवार को यह जानकारी दी. सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा कि कानून मंत्रालय करीब एक हफ्ते में मंजूरी दे सकता है.

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उन्होंने कहा, "हमने कानून मंत्रालय को इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी (In flight connectivity) नियमों को मंजूरी देने को कहा है. मैं उम्मीद करता हूं कि 7-10 दिनों में हमें मंजूरी मिल जाएगी और इसके बाद हम नियमों को अधिसूचित कर देंगे."

दूरसंचार आयोग ने 1 मई को इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी (In flight connectivity) को मंजूरी दी थी. इसके तहत भारतीय उड़ान क्षेत्र में वॉयस और डेटा कॉल और डेटा सर्फिग की सुविधा दी जाएगी. डीओटी (दूरसंचार विभाग) के एक अधिकारी ने कहा कि संचार मंत्रालय चाहता है कि भारत में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे सबसे बेहतर प्रचलन को अपनाया जाए तथा इस पर विचार चल रहा है कि इसे टेरिटोरियल वाटर्स तक ही सीमित रखा जाए या विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) तक बढ़ाया जाए.

टेरिटोरियल वॉटर देश की तटरेखा से 12 नॉटिकल मील (करीब 22 किलोमीटर) तक के क्षेत्र को कहा जाता है, जबकि ईईजेड के अंतर्गत 200 नॉटिकल मील (370.4 किलोमीटर) का क्षेत्र आता है.

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अधिकारी ने कहा, "एक बार जब डीओटी अधिसूचना जारी कर देगा, जिसके जल्द जारी होने की उम्मीद है. उसके बाद हम नागरिक विमानन मंत्रालय के साथ मिलकर फैसला करेंगे कि आगे बढ़ने की समय-सीमा क्या होनी चाहिए."

कितना होगा चार्ज

इन फ्लाइट कनेक्टिविटी (In flight connectivity) का चार्ज टेलीकॉम ऑपरेटर्स निर्धारित करेंगे. लेकिन एक सीमा से अधिक वे इसका चार्ज नहीं ले पाएंगे. टेलीकॉम रेगुलेटर इस पर नजर रखेगा. फ्लाइट में इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए अलग से कोई फोन नहीं लेना होगा. कोई भी स्मार्टफोन फ्लाइट में काम करेगा.

टेलीकॉम कंपनियों को भी करनी होगी कई कवायद

टेलीकॉम कंपनियों ने बताया कि उन्हें भी यह देखना होगा कि घने जंगल जैसी जगहों वाले इलाके में कनेक्टिविटी कैसे कायम रहे. फ्लाइट में इंटरनेट बहाल करने पर उनकी लागत बढ़ेगी. इसलिए हो सकता है कि इन इन फ्लाइट कनेक्टिविटी (In flight connectivity) का चार्ज अधिक हो.

Source : News Nation Bureau

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