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अर्थव्यवस्था पर कोरोना की दूसरी लहर का असर, लेकिन पिछले साल जैसा नहीं

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम डी पात्रा और अन्य अधिकायों ने रिपोर्ट में कहा है कि अर्थव्यवस्था के ऊपर कोरोना की दूसरी लहर का असर पहली लहर के मुकाबले सीमित है.

Updated on: 18 May 2021, 03:54 PM

highlights

  • अप्रैल 2021 में मासिक आधार पर ई-वे बिल में 17.5 फीसदी की कमी दर्ज की गई है 
  • पेट्रोल-डीजल बिक्री के शुरुआती आंकड़े दर्शा रहे हैं अप्रैल के दौरान ईंधन की मांग में कमी

नई दिल्ली:

RBI Latest News: कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर की वजह से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं, लेकिन उस पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा है. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने अपने एक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है. आरबीआई (RBI) ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी पर अंकुश लगाने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाए जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम डी पात्रा और अन्य अधिकायों ने रिपोर्ट में कहा है कि अर्थव्यवस्था के ऊपर कोरोना की दूसरी लहर का असर पहली लहर के मुकाबले सीमित है. उनका कहना है कि जरूरत के मुताबिक लॉकडाउन, वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन डिलीवरी और डिजिटल पेमेंट का बेहतरीन तरीके से काम करना एक अच्छा उदाहरण है. 

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दूसरी लहर में मांग के ऊपर नहीं पड़ा है ज्यादा असर 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिजर्व बैंक ने साफ कर दिया है कि रिपोर्ट में लिखे गए विचार लेखकों के खुद के हैं और यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि वे RBI के विचार से मेल खाते हों. रिपोर्ट के अनुसार पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियों के ऊपर नकारात्मक असर पड़ा है लेकिन वह कमजोर नहीं हुआ. पहली लहर के दौरान जिस तरीके से मांग पर काफी गंभीर असर पड़ा था. दूसरी लहर में मांग में उतना असर नहीं पड़ा है. 

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मासिक आधार पर ई-वे बिल में 17.5 फीसदी की कमी
रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2021 में मासिक आधार पर ई-वे बिल में 17.5 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. पेट्रोल और डीजल बिक्री के शुरुआती आंकड़े अप्रैल के दौरान ईंधन की मांग में कमी को दर्शा रहे हैं. लेखकों का कहना है कि अप्रैल के दौरान यात्री वाहनों के मूल उपकरण विनिर्माताओं ने मंथली बेसिस पर गिरावट की बात कही है.