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'भारत को 2025 तक 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये निर्यात बढ़ाना जरूरी'

कांत ने यह भी कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के महत्वकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने में निजी क्षेत्र को अहम भूमिका निभानी होगी.

Updated on: 14 Dec 2018, 06:27 AM

नई दिल्ली:

नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर देश को 2025 तक 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाना है तो निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि लाना जरूरी है. कांत ने यह भी कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के महत्वकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने में निजी क्षेत्र को अहम भूमिका निभानी होगी.

टाइम्स नेटवर्क द्वारा आयोजित 'भारत आर्थिक सम्मेलन' में उन्होंने कहा, 'पिछले चार साल में हमने (केंद्र) कारोबार सुगमता रैंकिंग में सुधार को लेकर कई उपाय किये हैं. साथ ही रेरा, जीएसटी और आईबीसी (दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता) जैसे कई संरचनात्मक सुधार किये गये. ये उपाय भारत को दीर्घकाल में दक्ष बनाएंगे.'

हालांकि, कांत ने कहा कि वास्तविक चुनौती सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को 9-10 प्रतिशत पर पहुंचाने की है, इसके लिये भारत को निर्यात बढ़ाना होगा. उन्होंने कहा, 'कोई भी देश निर्यात बढ़ाये बिना आगे नहीं बढ़ा. जापान, कोरिया और चीन का उदाहरण देखिये जिन्होंने निर्यात के दम पर तरक्की की. इसीलिए भारत को निर्यात को गति देने की जरूरत है जिसके लिये बड़े पैमाने पर विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार और वैश्विक बाजार में पैठ बढ़ाने की जरूरत है.'

कांत ने यह भी कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) जैसी 100 चैंपियन कंपनियां सरकार के समर्थन से सृजित करने की जरूरत है. इसी कार्यक्रम में एलआईसी के चेयरमैन वी के शर्मा ने कहा कि मजबूत बीमा क्षेत्र अगर सालाना 15 प्रतिशत या उससे अधिक दर से वृद्धि करता है तो यह अगले पांच साल में जीडीपी में एक प्रतिशत वृद्धि कर सकता है.

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उन्होंने कहा कि साधारण और जीवन बीमा कारोबार की पहुंच 2 प्रतिशत से कुछ अधिक हुई है लेकिन यह अभी भी तीन प्रतिशत के वैश्विक औसत से कम है. शर्मा ने कहा कि लक्ष्य हासिल करने के लिये बीमा उद्योग को वैश्विक बाजार में ले जाने की आवश्यकता है.